समस्तीपुर वीमेंस कॉलेज में हिंदी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, हिंदी के महत्व पर डाला गया प्रकाश
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समस्तीपुर : शहर के वीमेंस कॉलेज में शुक्रवार को विश्व हिंदी दिवस पर हिन्दी विभाग द्वारा “हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज” विषयक संगोष्ठी आयोजित कर छात्राओं को हिन्दी के महत्व से अवगत कराया गया। इसकी अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्या प्रो. सुनीता सिन्हा ने कहा कि हिन्दी भाषा हमारे देश की राष्ट्रभाषा है। भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली सरल सुगम और सुंदर भाषा है। भारत के हर व्यक्ति को इस भाषा से संवाद करने में आसानी होती है। साथ ही आपस में अच्छे संबंध स्थापित होते हैं क्योंकि भाषा से ही किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सोनी सलोनी ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता की प्रतीक और भारतीयों की पहचान भी है। हमें हिंदी बोलने में गर्व महसूस होना चाहिए। इस भाषा के प्रति सजग होने की प्रतिज्ञा ली जाए। हिंदी हमारा अभिमान है, हिंदी हर भारतवासी का स्वाभिमान है। हम सब का अभिमान है हिंदी, भारत देश की शान है हिंदी, हम इसके गौरव को बनाए रखने में हर संभव योगदान देंगे।
हिंदी के सहायक प्राध्यापक डॉ. नीतिका सिंह, प्रो. अरुण कुमार कर्ण, प्रो. फरहत जबीन, डॉ. नेहा कुमारी जायसवाल, प्रो. सुरेश साह डॉ. रिंकी कुमारी, डॉ. संगीता, डॉ. शालिनी कुमारी, डॉ. स्वाति कुमारी, डॉ लालिमा सिन्हा, डॉ नीरज प्रसाद, डॉ बबली कुमारी, डॉ. सुमन कुमारी ने कहा कि प्रत्येक देश की पहचान का एक मजबूत आधार उसकी भाषा होती है। मातृभाषा में व्यक्ति का स्वाभाविक विकास होता है। अपनी भाषा ही अपने गौरव राष्ट्रवाद व संस्कृति का मूल आधार होती है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि हम भारतीय अपनी मातृभाषा से अधिक अंग्रेजी भाषा को महत्व देते हैं, इस प्रकार अभी भी हम विचारों से गुलाम बने हुए हैं। प्रथम सम्मान अपनी माता, मातृभाषा व मातृभूमि को देना हमारा पुनीत कर्तव्य होना चाहिए। मौके पर दर्जनों छात्राएं शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे।