समस्तीपुर जिले के स्कूलों में अब तक सभी बच्चों को नहीं दी गईं किताबें, बच्चे व शिक्षक दोनों परेशान
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समस्तीपुर :- बच्चों के किताब मिलने में इस बार भी समस्या बनी हुई है। मई का महीना समाप्ति पर है और अगले महीने से इन स्कूलों में गर्मी की छुट्टी 20 दिनों की होने वाली है। फिर भी अभी तक बच्चों को सभी किताबें नहीं दी गई हैं। स्कूलों से पता करने पर बताया गया कि सभी वर्गों में सभी विषयों में करीब 60 से 70 फीसदी किताबें ही उन्हें दी गई हैं। इसको लेकर बच्चे व शिक्षक परेशान तो हैं ही बच्चों के अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित हैं। वे सरकारी स्कूलों में इस तरह की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
राजकीय मध्य विद्यालय जितवारपुर समस्तीपुर के हेडमास्टर कौशल कुमार ने बताया कि मई महीना खत्म हो रहा है और अभी तक बच्चों को पूरी किताब भी नहीं मिलने से उनकी पढ़ाई प्रभावित है। गर्मी छुट्टी में बच्चे अधूरी किताबें ही पढ़ कर आएंगे। ऐसे में शिक्षकों को पढ़ाने में भी दिक्कत हो रही है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित जाति जन जाति हसनपुर, बहादुरपुर, समस्तीपुर के हेडमास्टर रवि कुमार का कहना है कि पूरी किताब बच्चों को अभी तक नहीं दी गई हैं। ऐसे में उनकी सही से क्या पढ़ाई होगी।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकंठ के हेडमास्टर ने बताया कि उनके यहां क्लास 6 व 7 के बच्चों को 70 फीसदी किताबें ही मिली हैं। पढ़ाई बाधित हो रही है। अभिभावक शालिनी कुमारी, कमल नारायण, धीरेंद्र राय, कामेश्वर महतो, कुमुद रंजन गुप्ता ने कहा कि सरकार की सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात झूठी साबित हो रही है। हर साल बच्चों का नामांकन ले लिया जाता है, जब पढ़ाई शुरू होती है तब बच्चों के पास पूरी किताब ही नहीं रहती है। ऐसे में कैसे बच्चों की सही तरीके से पढ़ाई हो पाएगी। कई साल से यही नाटक देख रहे हैं। वे सवाल करते हैं, कि बच्चों के बैंक खाते में किताब के पैसे ही क्यों नहीं दे दी जाती है। सरकार की मंशा व नीति ही दोषपूर्ण है।
वर्जन :
जिले में सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में 70 फीसदी तक नि:शुल्क किताबें दे दी गई हैं। बाकी किताबों की उपलब्धता के लिए जिला से मांग की गई है। आते ही बाकी किताबें भी दे दी जाएंगी। जिला से कुल 6,48489 किताबें मांगी गई थीं। इसके बदले राज्य से 4,50550 किताबें ही भेजी गई। इन बाकी क़िताबों की डिमांड जिला से गई है।
-कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, डीईओ, समस्तीपुर