बजट देखकर आगबबूला हुए CM नीतीश, एक के बाद एक कर दिए सात ट्वीट्स, बोले- बिहार को मिली निराशा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (1 फरवरी) को साल 2023-24 का बजट पेश किया। यह वित्तमंत्री सीतारमण का लगातार पांचवां और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट रहा। बजट के बाद तमाम बड़े नेताओं और राजनीतिज्ञों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। वहीं, बजट को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने 2023 के बजट को निराशाजनक बताया है।
आम बजट में दूरदृष्टि का अभाव
नीतीश कुमार ने बजट पेश होने के बाद ट्वीट्स की बरसात कर दी और जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने एक के बाद एक सात ट्वीट्स में लिखा, “केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया आम बजट निराशाजनक है। इसमें दूरदृष्टि का अभाव है। हर वर्ष बजट की प्राथमिकताएं बदल दी जाती हैं, जो फोकस और निधि के अभाव में पूरी नहीं हो पा रही हैं।”
बिहार को बजट से मिली निराशा
सीएम नीतीश ने आगे लिखा, “बिहार को इस बजट से निराशा हाथ लगी है और एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी की गयी है। समावेशी विकास का सपना बिहार जैसे राज्यों को आगे बढ़ाये बिना संभव नहीं है।” अपने अगले ट्वीट में बिहार के मुख्यमंत्री ने लिखा, “समावेशी विकास के तहत बिहार सरकार ने केंद्रीय बजट (2023-24) में वित्त मंत्रियों की बैठक में राज्य के लिए 20,000 करोड़ रूपये के स्पेशल पैकेज की मांग की थी जिसे बजट में नहीं दिया गया है। युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लेकर बजट में कोई खाका दिखाई नहीं दे रहा है।”
पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग है बजट- Nitish Kumar
उन्होंने आगे लिखा, “राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजरअंदाज किया गया है। राज्य सरकार की ऋण सीमा में वर्ष 2023-24 में कोई छूट नहीं दी गई है। बिहार सरकार ने अपने ज्ञापन में इसे 4.5 प्रतिशत (4% एवं 0.5% सशर्त) तक रखने का आग्रह किया था जो पिछड़े राज्यों के विकास में और नए रोजगार सृजन में लाभप्रद होता।”
नीतीश कुमार ने लिखा, “बजट में भारत सरकार ने सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का निर्धारण किया है। यह योजना केन्द्र सरकार की पूर्व से चल रही योजनाओं की केवल री-पैकेजिंग है। बिहार सरकार वर्ष 2016 से ही सात निश्चय-1 एवं वर्ष 2021 से सात निश्चय-2 के अन्तर्गत नई योजनाओं को सफलता से क्रियान्वित कर रही है।”