चिराग के प्लान पर नीतीश का सीधा वार, समस्तीपुर के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से 7 पर JDU का उम्मीदवार, LJP(R) के घोषित सीट मोरवा पर भी JDU उम्मीदवार

समस्तीपुर : बिहार की राजनीति में आज नई हलचल देखी गई जब नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहली 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची ने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कुछ प्रमुख दावों पर सीधे चुनौती दी, जिससे गठबंधन के भीतर तनाव और नाराजगी की स्थिति बन सकती है।
सूची के मुताबिक, जिन सीटों पर चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) ने पहले ही उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया था, उन सीटों पर भी जेडीयू ने प्रत्याशी खड़ा कर सीधा मुकाबला तय कर दिया है। इनमें समस्तीपुर जिले की मोरवा सीट भी शामिल है, जहां से चिराग ने पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा की थी। जेडीयू ने समस्तीपुर जिले की कुल 10 विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों को सिंबल देकर नामांकन कराने का निर्देश दे दिया गया है।

समस्तीपुर जिले से जेडीयू के घोषित उम्मीदवार इस प्रकार हैं :
- समस्तीपुर सीट – 2020 में रनर रही अश्वमेध देवी
- कल्याणपुर (सुरक्षित) सीट – वर्तमान विधायक महेश्वर हजारी
- वारिसनगर सीट – वर्तमान विधायक अशोक कुमार मुन्ना के पुत्र मंजरिक मृणाल
- मोरवा सीट – 2020 में रनर रहे विद्यासागर निषाद
- सरायरंजन सीट – बिहार सरकार के मंत्री एवं वर्तमान विधायक विजय कुमार चौधरी
- विभूतिपुर सीट – 2020 में रनर रहे रामबालक सिंह की पत्नी रवीना कुशवाहा
- हसनपुर सीट – 2020 में रनर रहे राजकुमार राय

विभूतिपुर सीट पर पार्टी ने पूर्व विधायक के स्थान पर उनकी पत्नी को टिकट दिया है। बताया गया है कि पूर्व विधायक पर डबल मर्डर केस में आरोप तय होने के कारण पार्टी ने यह निर्णय लिया। जिले की बाकी तीन सीटों रोसड़ा, मोहिउद्दीननगर और उजियारपुर पर एनडीए के अन्य घटक दल अपने प्रत्याशी उतारेंगे। इनमें उजियारपुर से रालोमो के प्रशांत पंकज, मोहिउद्दीननगर से भाजपा के राजेश सिंह और रोसड़ा से भाजपा के वीरेंद्र पासवान के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं। गौरतलब है कि एनडीए के सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार समस्तीपुर जिले में लोजपा (रामविलास) को दो सीटें मिलने की संभावना थी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कड़े रुख के बाद जेडीयू ने जिले की 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर लोजपा के समीकरण को झटका दे दिया है।

एनडीए में बढ़ेगा तनाव?
पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि मोरवा और गायघाट पर 2020 में आरजेडी का दबदबा था, राजगीर और सोनबरसा पर जेडीयू जीता था, जबकि मटिहानी पिछली बार लोक जनशक्ति पार्टी ने जीती थी, लेकिन विजयी राजकुमार सिंह बाद में जेडीयू में शामिल हो गए थे। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के चलते इन सीटों पर सियासी निगाहें खास हैं और उम्मीदवारों की हर चाल का चुनावी मायने बढ़ गया है। इन सीटों पर जेडीयू का उम्मीदवार उतारना गठबंधन में संतुलन बदल सकता है और चिराग समर्थक ताकतों के साथ टकराव के अवसर बढ़ा सकता है जिससे एनडीए की मौजूदा स्थिति जटिल हो सकती है।





