खर्च का ब्यौरा दो, बिना मंजूरी सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं; चुनाव आयोग ने कस दी नकेल

अब कोई भी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार मनमानी तरीके से सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं कर सकेगा। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब या किसी भी इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन डालने से पहले मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (MCMC) की मंजूरी जरूरी होगी।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को नए निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब नामांकन के वक्त हर उम्मीदवार को अपने सभी ऑथेंटिक सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही जिला और राज्य स्तर पर बनी एमसीएमसी कमेटियां सभी राजनीतिक विज्ञापनों की जांच करेंगी।

75 दिनों के भीतर खर्च का ब्यौरा देना होगा: चुनाव आयोग
आयोग ने यह भी तय किया है कि चुनाव खत्म होने के 75 दिनों के भीतर दलों को सोशल मीडिया प्रचार पर किए गए खर्च का पूरा ब्यौरा देना होगा। जिसमें विज्ञापन खर्च, कंटेंट डेवलपमेंट, सोशल मीडिया हैंडलिंग और प्रचार अभियान से जुड़े सभी खर्च शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने कहा है कि एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों पर कड़ी निगरानी रखेगी और संदिग्ध मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी।

वहीं, बिहार में दूसरे चरण के चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हैं। 20 जिलों के 122 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के लिए ईवीएम और वीवीपैट का पहला रैंडमाइजेशन पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कुल 53,806 बैलेट यूनिट, 53,806 कंट्रोल यूनिट और 57,746 वीवीपैट मशीनें आवंटित की गई हैं।






