स्पोर्ट्स स्टेडियम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा पटेल मैदान, पवेलियन का भी होगा निर्माण
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समस्तीपुर : शहर के बीचोंबीच स्थित पटेल मैदान स्टेडियम में व्याप्त कुव्यवस्था को सुधार किया जाएगा। इसके जीर्णोद्धार को लेकर जिला प्रशासन द्वारा रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में डीएम रोशन कुशवाहा ने Samastipur Town Media से बातचीत के क्रम में बताया कि पटेल मैदान के जर्जरता को लेकर आपने खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद खेल पदाधिकारी को बुलाकर उन्हें निर्देश दिया गया।
खेल पदाधिकारी ने बताया कि पटेल मैदान के जीर्णोद्धार को लेकर जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। यहां नये रनिंग ट्रैक और शौचालय निर्माण के साथ-साथ दो पवेलियन व वीआईपी इंक्लोजर का भी निर्माण होना है। इसके लिये राज्य सरकार को लिखा जा रहा है। नये ट्रैक के साथ-साथ क्रिकेट पीच व मैदान का मिट्टीकरण भी किया जाना है। डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया की वे खुद खेल के आयोजन और कुव्यवस्था को सुधारने में दिलचस्पी ले रहे हैं। स्पोर्ट्स स्टेडियम की तर्ज पर पटेल मैदान का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
इतना बड़ा जिला होने के बावजूद यहां ढंग का कोई स्टेडियम नहीं है। पटेल मैदान को ही विकसित किया जाएगा। लाइटिंग की भी यहां प्रयाप्त व्यवस्था की जाएगी, ताकी रात में भी खिलाड़ी खेल की तैयारी कर सके। स्टेडियम को व्यवस्थित करने में हर लोगों का सहयोग लिया जाएगा। डीएम ने बताया कि उन्हें खुद दुख है कि पटेल मैदान की स्थिति ठीक नहीं है। उनकी कोशिश होगी कि हर हाल में स्टेडियम का जीर्णोद्धार हो। बता दें पटेल मैदान की दुर्दशा पर Samastipur Town Media समय-समय पर लगातार आवाज उठाते रहा है।
बताते चलें की शहर का एकमात्र पटेल मैदान खेलने लायक नहीं रह गया है। मैदान पर हरी घास कहीं नहीं दिखाई देती है। मैदान में घास की जगह कंकड़-पत्थर और धूल भरी मिट्टी है। इससे खेलने में परेशानी होती है। मैदान की भूमि मुलायम नहीं हो पाती है यहां पर कभी भी पानी का छिड़काव नहीं किया जाता है। खिलाड़ी मैदान में अभ्यास के लिए उतरते हैं तो गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं।
पटेल मैदान स्टेडियम में महिला खिलाड़ियों के लिये अलग से चेंजिंग रूम तक की सुविधा नहीं है। इससे इन्हें जर्सी बदलने में परेशानी होती है। वहीं एक शौचालय है भी तो उसमें ताला लगा रहता है, जिससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी होती है। वहीं पीने के पानी के लिए एक चापाकल उपलब्ध है। यहां पानी पीने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। चापाकल के पानी से दुर्गंध आती है। मजबूरी में वही पानी पीना पड़ता है या फिर पानी खरीदना होता है।