होमगार्ड बहाली प्रक्रिया : उजला बैंड पहने दर्जनों अभ्यर्थियों को किया गया चिन्हित, बैंड खोलने के बाद परीक्षा में हुए शामिल, लोकल कैमरामैन बाहर
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समस्तीपुर : 731 रिक्त पदों पर होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात सामने आने व कमांडेंट को हटाने के बाद से पुलिस लाइन की व्यवस्था बुधवार को पूरी तरह से बदली-बदली दिखी। हाथ में पीला बैंड और रिबन पहनकर आने के मामले में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन हर एक चीजों पर पैनी नजर रखे हुए है। बुधवार को भी जब दर्जनों अभ्यर्थियों को उजले रंग का बैंड और रिबन पहने देखा गया तो संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए उन सभी को शारिरिक दक्षता सक्षमता जांच वाले स्थल पर पहुंचने से पहले ही खुलवा दिया गया।
उजला बैंड पहने उन सभी अभ्यर्थियों के रौल नंबर और चेस्ट नंबर को नोटकर सीलबंद लिफाफे में जमा करवा दिया गया है। उजले रंग के बैंड पहने अभ्यर्थियों का डिटेल नोट करने के बाद ही उन सभी को परीक्षा स्थल पर प्रवेश की अनुमति दी गई। बता दें कि होमगार्ड बहाली प्रक्रिया के दौरान एक संगठित गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इस गड़बड़ी में अभ्यर्थियों से 4 से 5 लाख रुपये लेकर फिजिकल टेस्ट पास कराने की चर्चा भी खूब चली। यह पूरा रैकेट बिचौलियों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा था।
इस बीच बहाली प्रक्रिया के सचिव सह होमगार्ड के कमांडेंट मो. ऐहतशाम अली की भूमिका संदिग्ध पाते हुए डीएम रोशन कुशवाहा ने पूरी चयन प्रक्रिया से ही उनको बाहर कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट में पास कराना होता था, उन्हें मैदान में पीले रंग का रिबन पहनाये जाने की बात भी जांच रिपोर्ट में आयी, जिससे ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों को उनकी पहचान हो जाती थी।
इसमें अंदर मौजूद कुछ कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए। मामला सामने आते ही जिला प्रशासन अब हर एक चीज पर पैनी नजर बनायी हुई है। बुधवार को भी दर्जनों अभ्यर्थियों को एक साथ उजले बैंड में देख एडीएम (आपदा) राजेश कुमार सिंह ने गड़बड़ी की आशंका को भांपते हुए सभी का बैंड और रिबन खोलवाकर जमा करवा दिया। बैंड खोलने के बाद ही उन सभी को शारिरिक दक्षता परीक्षा में शादी होने का मौका दिया।
जांच रिपोर्ट का इंतजार :
डीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमिटी के रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जिसके बाद इसपर फैसला होगा की इस पूरे प्रकरण में और कौन-कौन से लोग शामिल है। जांच कमिटी में एडीएम अजय कुमार तिवारी के अलावे सदर एसडीओ दिलीप कुमार व सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पांडेय शामिल है। आशंका है की अगर इसमें गड़बड़ी पायी जाती है तो मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी, जिसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। पुलिस लाइन के बाहर तो कुछ अभ्यर्थियों ने पूरी प्रक्रिया को ही शुरू से शुरू करने की मांग कर दी। उनका कहना था की आधे से अधिक दिन गुजर जाने के बाद धांधली का मामला सामनें आया है। इससे पहले कई अभ्यर्थियों का अंक बढ़ाया गया होगा। इधर सभी लोगों की नजर जांच रिपोर्ट पर टिकी है।
लोकल कैमरा मैन को हटाया गया :
धांधली के आरोपों के बीच वरीय नोडल अधिकारी सह एडीएम आपदा राजेश सिंह द्वारा चयन प्रक्रिया में कैमरामैन के तौर पर शामिल कुछ लोकल युवकों का आईकार्ड जब्त कर परीक्षा स्थल से बाहर कर दिया गया है। उन सभी से आधार नंबर और पूरा नाम-पता लेकर परीक्षा स्थल से बाहर किया गया है, ताकि जांच प्रक्रिया के दौरान जरूरत पड़ने पर पूछताछ के लिये उन्हें बुलाया जा सके। बताया गया है कि चयन प्रक्रिया में शामिल कार्यरत एजेंसी के पास पर्याप्त कर्मी है, बावजूद इसके लोकल लड़कों को कैमरा मैन बनाकर तैनात किया गया था। फिलहाल सभी की नजर जांच टीम और उनके रिपोर्ट पर टीकी है।
नये कमांडेंट ने दिया योगदान :
होमगार्ड के जिला कमांडेंट मो. ऐहतशाम अली को धांधली करने और कई काउंटरों पर प्रतिनियुक्त नोडल अधिकारी, शिक्षक और कार्यरत एजेंसी के कर्मियों पर अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में दबाव डाल अंक बढ़वाने के आरोप में जांच प्रक्रिया से हटाने के बाद मुख्यालय ने भी एक्शन लेते हुए उन्हें पटना मुख्यालय में योगदानों देने का आदेश दिया था। इनके जगह बांका के कमांडेंट अमित कुमार को समस्तीपुर में प्रतिनियुक्त कर दिया गया था। बुधवार को अमित कुमार ने समस्तीपुर में योगदान दे दिया। उनकी मौजूदगी में शारीरिक दक्षता परीक्षा चली। शारीरिक दक्षता सक्षमता परीक्षा की समाप्ति के पश्चात समेकित मेधा सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर उन्होंने हस्ताक्षर किये।