पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की आंदोलन की चेतावनी, कहा- जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों को लूट रही सरकार
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले पूर्व कृषि मंत्री एवं आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने आंदोलन की चेतावनी दी है। सुधाकर सिंह ने बुधवार को कहा कि एक्सप्रेस-वे निर्माण में जिन किसानों की भूमि सरकार अधिग्रहण कर रही है, उन्हें वर्षों पुराना मूल्य देकर कब्जा करना चाहती है। सरकार और उसके कर्मचारियों की मंशा ठीक नही है। कुछ छोटे ऐसे किसान हैं, जिनके पास इस भूमि अधिग्रहण के बाद एक इंच जमीन नहीं बचेगी। उनके सामने आजीविका की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। कुछ किसानों की जमीन व्यवसायिक है। उसे भी पदाधिकारी कृषि योग्य दिखाकर मनमाने मूल्य ही लगा रहे हैं।
सुधाकर सिंह ने बुधवार को कैमूर में कहा कि वह किसानों के संपर्क और समर्थन में हैं। किसानों के आंदोलन में वे उनका साथ देंगे। उन्होंने कहा, “हम किसी भी विकास कार्य में बाधक नहीं बनेंगे। निर्माण कार्य नहीं रोकेंगे। लेकिन, किसानों को उनकी भूमि का वाजिब दाम मिले, इसके लिए मैं हर कदम किसान भाइयों के साथ हूं और उन्हें उनका हक दिलवाउंगा। विधानसभा में किसानों कों उचित मुआवजा देने और मंडी कानून लागू करने की मांग रखूंगा।”
सुधाकर सिंह ने बताया कि 25 फरवरी को चांद और 26 फरवरी को भभुआ में विशाल किसान महापंचायत आयोजित की जा रही है। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत भाग भी हिस्से लेंगे। सुधाकर ने किसानों और अन्य लोगों को इस महापंचायत में पहुंचने का आह्वान किया।
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने रामगढ़ प्रखंड के अकोढ़ी सूर्य मंदिर परिसर में बुधवार को किसान संघर्ष मोर्चा की नुक्कड़ सभा आयोजित को संबोधित किया। इस दौरान उ्नहोंने कहा कि 2013 में सरकार ने नियम बनाया कि जिस भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, उसका बाजार भाव का चार गुना मूल्य किसानों को दिया जाएगा। मगर 2017 में इसमें संशोधन कर नियम बनाया गया कि सरकारी दर से चार गुना मूल्य ही किसानों को दिया जाएगा। इस प्रकार का नियम सरासर गलत है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। किसानों को पुराने नियम के तहत ही जमीन का मुआवजा मिलना चाहिए।