चिराग की पार्टी में शामिल खान ब्रदर्स के ठिकानों पर STF की दबिश, AK-47 समेत कई हथियार बरामद

सीवान की राजनीति में खान ब्रदर्स के नाम से मशहूर अयूब खान और रईस खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं. कभी अपने प्रभाव और वर्चस्व को लेकर चर्चा में रहने वाले ये दोनों भाई अब अपराध के आरोपों के कारण फिर से चर्चा में आ गए हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बैनर तले आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे दोनों भाइयों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी थी.
रईस खान ने 2023 के एमएलसी चुनाव में सीवान से राजद उम्मीदवार विनोद जायसवाल के खिलाफ मैदान में उतरकर दूसरा स्थान हासिल किया था. इस चुनाव ने उन्हें सीवान की राजनीति में पहचान दिलाई और इसके बाद दोनों भाइयों ने 2025 में चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का दामन थाम लिया.

तीन बदमाश भी गिरफ्तार, कई हथियार जब्त
सीवान पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने जिले के सिसवन थाना क्षेत्र के रईस खान और अयूब खान के गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से पुलिस ने AK-47 राइफल, भारी मात्रा में कारतूस और अवैध हथियार बरामद किए गए हैं. पुलिस ने इस कार्रवाई को चुनाव के समय एक बड़ी सफलता बताया है.

पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने अपने कार्यालय में एक प्रेस वार्ता कर बताया कि सदर एसडीपीओ अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन छापेमारी के लिए की गई थी. जिसने गुप्त सूचना पर एसटीएफ और सीवान पुलिस की संयुक्त टीम ने 7 अक्टूबर की देर रात छापेमारी अभियान चलाया.

शहाबुद्दीन से पुरानी अदावत
2004 के लोकसभा चुनाव के समय से ही खान ब्रदर्स की सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से गहरी अदावत चली आ रही है. बताया जाता है कि दोनों भाइयों ने शहाबुद्दीन के प्रभाव क्षेत्र में अपनी अलग पकड़ बनाने की कोशिश की थी. उनका मानना था कि सीवान या बिहार में अल्पसंख्यक राजनीति का चेहरा केवल शहाबुद्दीन नहीं, बल्कि वे खुद भी हैं.

रघुनाथपुर से ठोकी दावेदारी
इस बार रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है. जहां शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा साहब इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं रईस खान ने भी रघुनाथपुर से अपनी दावेदारी ठोक दी है. वे बीते कुछ महीनों से लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे थे और समर्थकों के बीच सक्रिय थे.

21 सितंबर को सिसवन थाना क्षेत्र के गयासपुर स्थित उनके पैतृक आवास पर एसटीएफ और सिवान पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए. छापेमारी के दौरान पुलिस को AK-47 राइफल, गोलियां और अन्य अवैध हथियार मिले. इसके बाद से रईस खान सीवान मंडल कारा में बंद हैं. वहीं, 7 अक्टूबर की देर रात फिर से पुलिस ने खान ब्रदर्स के ठिकानों पर विशेष छापेमारी की, जहां उनके सहयोगियों के पास से कार्बाइन और आधुनिक हथियार बरामद किए गए.

सीवान एसपी का बड़ा बयान
सीवान एसपी मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि रईस खान और अयूब खान एक संगठित गिरोह के सरगना हैं, जो लंबे समय से बिहार और अन्य राज्यों में सक्रिय था. पुलिस लगातार इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगी है.

