बिहार का एक और धनकुबेर इंजीनियर पर पटना-दरभंगा और भागलपुर में रेड

बिहार के एक और धनकुबेर इंजीनियर के ठिकानों पर रेड पड़ी है। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भवन निर्माण विभाग के दरभंगा प्रमंडल में बिजली कार्यपालक अभियंता के पद पर तैनात प्रणव कुमार के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी शुरू की है। यह छापेमारी भागलपुर, पटना एवं दरभंगा स्थित उनके कार्यालय एवं आवास पर हो रही है।
प्रणव कुमार वर्तमान में भागलपुर और मुजफ्फरपुर के विद्युत कार्यपालक अभियंता के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं। इन्होंने वर्ष 2014 में नौकरी प्रारंभ की थी। प्रथम दृष्टया जांच के क्रम में इनके विरुद्ध 1.59 करोड़ का अप्रत्यानुपिक संपत्ति (डीए) अर्जित करने का साक्ष्य पाया गया है। इनके विरुद्ध विशेष निगरानी इकाई थाना कांड संख्या 22 /25 दर्ज की गई है। आरोपी भवन निर्माण विभाग से जुड़े इंजीनियर हैं।

दरभंगा में छापेमारी से हड़कंप
भवन निर्माण विभाग की विद्युत इकाई में कार्यरत कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार के दरभंगा में स्थित एक ठिकाने पर भी छापेमारी हुई है। लहेरियासराय थाने की हाउसिंग कॉलोनी स्थित किराए के मकान पर बुधवार की सुबह विशेष विजिलेंस इकाई की टीम ने धावा बोल दिया। उनके यहां छापेमारी चल रही है।

सूत्रों के अनुसार टीम को कुछ दस्तावेज सहित नकदी और कई अहम सामग्री मिलने की बात कही जा रही है। टीम कार्यपालक अभियंता से सघन पूछताछ कर रही है। छापेमारी कर रही टीम विभाग के दो अन्य कर्मियों से भी पूछताछ कर रही है। विजिलेंस विभाग के सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर की गई है। विजिलेंस अधिकारी ने जांच पूरी होने के बाद जानकारी देने की बात कही है।

बताया जाता है की प्रणव कुमार दरभंगा सहित कई जिलों के प्रभार में हैं। उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में विशेष निगरानी इकाई में शिकायत की गई थी। जांच करने आये अधिकारी ने बताया कि विशेष निगरानी इकाई की ओर से छापेमारी की जा रही है। विभाग के अभियंता प्रणव कुमार से पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी। फिलहाल मकान के अंदर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।

सितंबर में समस्तीपुर में तैनात इंजीनियर के ठिकाने पर हुई थी छापेमारी
यहां आपको याद दिला दें कि इसी साल सितंबर के महीने में ईओयू ने समस्तीपुर के विद्युत अधीक्षण अभियंता विवेकानंद के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। प्राथमिक जांच में आय से अधिक संपत्ति का खुलासा भी हुआ था। यह बात भी सामने आई थी कि काली कमाई को मॉल और जमीन में निवेश किया गया था।



