बिहार: स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों के लिए Good News, अब दोगुना होगा मानदेय
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले राज्य सरकार रसोइयों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। सरकार रसोइयों के मानदेय को दोगुना करने की योजना बना रही है। बिहार शिक्षा विभाग इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मानदेय प्रतिमाह कम से कम 3 हजार और ज्यादा से ज्यादा 8 हजार रुपये तक हो सकता है। राज्य में लगभग 70 हजार स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाने वाले 2 लाख से ज्यादा रसोइये काम कर रहे हैं। सरकार मानदेय बढ़ाने के लिए छह तरह के प्रस्तावों पर विचार कर रही है।
आठ हजार तक हो सकता है मानदेय
बिहार के स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों के लिए अच्छी खबर है। नीतीश कुमार सरकार उनकी सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही है। अभी उन्हें 1650 रुपये प्रति महीने मिलते हैं। सरकार इसे बढ़ाकर 3000 से 8000 रुपये तक कर सकती है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें अलग-अलग सैलरी के विकल्प दिए गए हैं। पहला विकल्प 3000 रुपये, दूसरा 4000 रुपये, तीसरा 5000 रुपये, चौथा 6000 रुपये, पांचवां 7000 रुपये और छठा 8000 रुपये प्रति महीने का है। सरकार इनमें से किसी एक प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है।
अभी 1650 रुपये सैलरी
अगर सरकार मानदेय बढ़ाती है, तो राज्य सरकार पर हर महीने 450 करोड़ से 550 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अभी स्कूलों में कुल 2 लाख 38 हजार रसोइया और सहायक हैं। पहले रसोइयों को 1250 रुपये प्रति महीने मिलते थे। 2019 में 250 रुपये बढ़ने के बाद यह 1500 रुपये हो गया था। बाद में राज्य सरकार ने 150 रुपये और बढ़ा दिए। अब उन्हें 1650 रुपये मिल रहे हैं।
सबसे अधिक तमिलनाडु में सैलरी
प्रधानमंत्री मध्याह्न भोजन योजना के तहत रसोइयों का मानदेय 1000 रुपये निर्धारित है। इसमें से 600 रुपये केंद्र सरकार और 400 रुपये राज्य सरकार देती है। राज्य सरकार योजना में टॉप-अप के तहत 650 रुपये प्रति महीने देती है। अलग-अलग राज्यों में रसोइयों को अलग-अलग मानदेय मिलता है। यह कम से कम 1000 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 12500 रुपये प्रति महीने है। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 12500 रुपये मिलते हैं। केरल में 12000 रुपये और हरियाणा में 7000 रुपये मिलते हैं।
स्कूलों में छात्रों की संख्या के आधार पर रसोइये
स्कूलों में छात्रों की संख्या के आधार पर रसोइयों की संख्या तय की जाती है। प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के छात्रों की संख्या के आधार पर रसोइया रखने का नियम है। अगर 100 से कम छात्र हैं, तो एक रसोइया होगा। 200 छात्र तक की संख्या पर दो रसोइये होंगे। इससे ज्यादा छात्र होने पर तीन रसोइये होंगे। रसोइयों की जिम्मेदारी सभी बच्चों के लिए हर दिन मेनू के हिसाब से भोजन बनाना और खिलाना है।