बिहार में अवैध बालू कारोबार पर कंट्रोल होगा? सरकार ने बदले खनन के नियम, 25 जिलों में नीलामी की तैयारी
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बिहार सरकार बालू के अवैध खनन के बाद अब उसके अवैध भंडारण पर भी प्रभावी रोक लगाने की तैयारी में है। इसके लिए मौजूदा प्रावधान को और कड़ा किया जा रहा है। अब बालू के खनन और भंडारण दोनों पर सरकार नजर रखेगी। इस लिए कहा गया है कि खनन के बाद बालू को 300 मीटर के दायरे में ही रखना होगा। इससे बाहर उसका भंडारण अवैध माना जाएगा। सरकार द्वारा निर्धारित दायरे से बाहर बालू पाए जाने पर बंदोबस्तधारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पोर्टल पर जानकारी देना अनिवार्य
बालूघाटों की बंदोबस्ती के साथ ही यह नियम प्रभावी होगा। बंदोबस्तधारियों को अपने भंडार स्थल की जानकारी जियो-कोऑर्डिनेट के माध्यम से विभागीय पोर्टल पर देनी होगी। यही नहीं बालू का मात्रा की भी जानकारी देनी होगी। बालूघाटों के बालू के निकालने के बाद उन्हें कहां रखा जा रहा है, इस पर सरकार की कड़ी नजर रहेगी। किसी सूरत में इस नियम को तोड़ने की अनुमति नहीं होगी। इस सीमा से बाहर बालू रखने पर उसे जब्त करने से लेकर अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। नजर रखने के लिए सभी जिलों में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसकी जिम्मेवारी जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी।
जांच में चलता है खेल
दरअसल, खान एवं भूतत्व विभाग को विभिन्न स्रोतों से बालू के अवैध भंडारण की शिकायतें मिलती रही हैं। इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गयी है। बालू के अवैध कारोबार में लगे बालू माफिया जहां-तहां बालू के भंडारण करते हैं। जांच में पकड़े जाने पर किसी न किसी बंदोबस्तधारी से उसे जोड़ देते हैं। इसमें बंदोबस्तधारियों की भी संलिप्तता सामने आती है। वे बालू का अपना बताकर बालू माफिया की मदद करते हैं। लेकिन अब वे किसी सूरत में ऐसा नहीं कर सकेंगे।
25 जिलों में बालूघाटों की होगी नीलामी
इस समय 25 जिलों में बालूघाटों की नीलामी की प्रक्रिया फिर से शुरू होने वाली है। इन जिलों में 900 से अधिक बालूघाटों को नीलाम किया जाना है। ऐसे में विभाग ने बालू के भंडारण को लेकर सरकार की नीति को स्पष्ट कर दिया है। बालूघाटों की नीलामी के साथ ही इस नियम को भी संलग्न कर दिया गया है। बालूघाटों के बंदोबस्तधारियों को पहले से इस नियम के अनुपालन के संदर्भ में बता दिया गया है।