बिहार: बाघ की लाश पर लाठी लेकर टूटी थी भीड़…1000 पर FIR, पशु क्रूरता समेत 13 धाराओं में केस
बिहार के बगहा जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के आदमखोर बाघ को बलुआ में शनिवार मार गिराया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने बाघ के शव के साथ अमानवीयता की थी। कुछ उसके बाल नोंच रहे थे तो कुछ लाठियां लेकर उसे मारने के लिए दौड़े थे। पुलिस वालों के साथ भी धक्कामुक्की की गई थी। गाड़ियों में भी तोड़फोड़ हुई। अब इस मामले में 150 नामजद समेत 1000 लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता समेत 13 धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
जब पुलिस और वन विभाग की टीम लाश लेकर जाने लगी तो कुछ ग्रामीणों को इस बात का विश्वास नहीं हो रहा था कि वाकई बाघ की मौत हो चुकी है। कुछ ग्रामीण अंधविश्वास के चक्कर में बाघ के बाल नोंचते नजर आए थे। तो कई लाठियां लेकर बाघ की लाश को मारने के लिए दौड़ गए।
अब इस पर प्रशासन ने एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में 125 नामजद के साथ एक हजार अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इन लोगों पर अब पुलिस इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम समेत सरकारी वाहन के तोड़फोड़ समेत सरकारी कार्य मे बाधा पहुंचाने के मामले में ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज की है।
एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया है कि प्रदर्शनकारियों को वीडियो फुटेज के माध्यम से चिह्नित कर गोवर्धना थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें 13 सुसंगत धाराओं में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। यह एफआईआर गोबर्धना के थानेदार राकेश रंजन के बयान पर दर्ज हुआ है।
बता दें कि बाघ ने डेढ़ माह के भीतर 9 लोगों को मार डाला था जिसके बाद बिहार के इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ जब किसी बाघ या वन्य जीव को शूट एंड साइट यानी देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया। इसका ऑर्डर चीफ वार्डन प्रभात गुप्ता द्वारा दिया गया था। दरअसल ग्रामीणों को यह आशंका थी कि बाघ को ट्रेंकुलाइज कर सिर्फ बेहोश किया गया है।
जब गन्ना के खेत से वनकर्मी मृत बाघ को लेकर निकले और ट्रैक्टर पर उसे रख कर ले जाने लगे तब ग्रामीणों का हुजूम बाघ को ले जाने से रोकने लगा और पदाधिकारियों से उसे दिखाने की मांग करने लगे। ग्रामीण आश्वस्त होना चाहते थे कि नरभक्षी बाघ को सच में मार दिया गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और मारपीट पर उतारू हो गए।
इस ट्रैक्टर पर बाघ का शव रखा था उस ट्रैक्टर को ग्रामीण तोड़ने पर आमादा थे। ग्रामीणों को शांत कराने में पुलिस बल समेत अधिकारियों को काफी मशक्कत करना पड़ा। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने एसपी के साथ भी बदसलूकी करने में कोई कोर कसर नही छोड़ा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा काफी मान-मनौव्वल के बाद ग्रामीणों ने गाड़ी को गोवर्धना वन रेंज के कार्यालय में जाने दिया।