बिहार में साइबर गिरोह का भंडाफोड़: 1 साल में ₹25 करोड़ की ठगी कर लेता था JEE-Mains पास युवक
बिहार से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. पुलिस ने साइबर ठगी करने के आरोप में JEE-Mains पास एक युवक को गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक के पास से 33 लाख रुपये भी जब्त किए गए हैं. आरोपी युवक ने कार की एजेंसी देने के नाम पर तेलंगाना के एक शख्स से 29 लाख रुपये की ठगी की थी. बताया जााता है कि युवक पटना से साइबर अपराधियों का गैंग संचालित करता था. लोगों को झांसे में लेकर उन्हें चूना लगाता था. अब प्रदेश की राजधानी पटना में पुलिस ने छापा मारकर साइबर गैंग का भंडाफोड़ किया है.
जानकारी के अनुसार, बिहार की राजधानी पटना में एक बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. दरअसल, तेलंगाना पुलिस की मदद से पटना पुलिस ने रविवार को साइबर ठगों के बड़े गिरोह का खुलासा करने में सफलता हासिल की है. बिहार में गिरोह का सरगना आकाश नाम का युवक है. आकाश जेई मेंस की परीक्षा पास कर चुका है. आकाश के पास से पुलिस ने 33 लाख नकदी के अलावा हीरे की चेन और 3 अंगूठियां भी बरामद की हैं. बताया यह भी जा रहा है कि आकाश का गिरोह एक साल में 25 करोड़ रुपयों की ठगी कर लेता था. गिरोह के सदस्य ठगी की रकम को जमीन में निवेश करता था. इसके बाद बचे पैसे से शान-शौकत की जिंदगी जीते थे. यह गिरोह अब तक बिहार के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यों के कारोबारियों को चपत लगा चुका था.
कार की डीलरशिप दिलाने के नाम पर ठगी
कार की डीलरशिप दिलाने के नाम पर तेलंगाना के साइबराबाद निवासी कारोबारी चिलुका विजय कुमार से आकाश ने 29 लाख रुपये की साइबर ठगी की थी. तेलंगाना पुलिस किसी तरह से आकाश का मोबाइल नंबर पता करने में सफल रही. लोकेशन के आधार पर तेलंगाना पुलिस पटना पहुंची थी. इसके बाद पत्रकार नगर थाना पुलिस के साथ हनुमान नगर के सेक्टर पूर्वी के एक मकान में पहुंची. तकरीबन 2 घंटे की छानबीन के बाद आकाश को गिरफ्तार किया गया. यहां वह एक साल से किराए पर फ्लैट लेकर रह रहा था. वह मूलरूप से नालंदा के कतरीसराय थाने के गंगापुर गांव का रहने वाला है. आकाश के कमरे से 5 मोबाइल फोन भी पुलिस टीम ने जब्त किए हैं.
चौंकाने वाले खुलासे
आकाश ने पूछताछ में बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला न होने के कारण वह पिछले साल विभिन्न वेबसाइट के माध्यम से नौकरी तलाश रहा था. उसी दौरान वह साइबर ठग गिरोह के संपर्क में आया. गिरोह में कई और शातिर शामिल हैं, जो डीलरशिप, एजेंसी और फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर जालसाजी करते हैं. रजिस्ट्रेशन, एनओसी और लाइसेंस मुहैया कराने का झांसा देकर भी बड़े-बड़े व्यवसायियों से मोटी रकम ऐंठते थे. शातिर दिमाग के कारण देखते ही देखते आकाश बिहार का स्थानीय सरगना बन गया. बताया जाता है कि आकाश के खाते में हर महीने 2 करोड़ रुपये जमा होते थे.
इंजीनियर बनने का था सपना
पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी आकाश ने बताया कि उसने बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना देखा था. उसने जेई मेंस क्वालीफाई करने के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन अच्छा रैंक नहीं आ सका था. यही कारण था कि उसे सरकारी कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाया. आकाश के पिता किसान हैं, ऐसे में वह निजी कॉलेज की फीस के लिए रुपये की व्यवस्था नहीं कर सके. नौकरी नहीं लगी तो वह साइबर गैंग में शामिल हो गया.