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बिहार के गोपालगंज में अभिनेता पंकज त्रिपाठी के पिता का हुआ निधन, 99 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

‘ओएमजी 2’ की सक्सेस इंजॉय कर रहे पंकज त्रिपाठी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता पंडित बनारस तिवारी का निधन हो गया है। वह 99 साल के थे। उन्होंने पैतृक गांव बेलसंड में आखिरी सांस ली। पंकज त्रिपाठी पिता के बहुत करीब थे। पिता के जाने से वह बहुत दुख में हैं।

उनके पिता का निधन किसी बीमारी की वजह से हुआ है, या उम्र संबंधी, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। पंकज त्रिपाठी अपने गांव जाने के लिए निकल चुके हैं। परिवार ने आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने एक्टर के पिता के निधन की जानकारी दी। साथ ही बताया कि पंकज त्रिपाठी के पिता अंतिम संस्कार 21 अगस्त को किया जाएगा।

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बेटे पंकज त्रिपाठी के काम से अंजान थे पिता

पंकज त्रिपाठी बिहार के गोपालगंज के इलाके के रहने वाले हैं। जहां एक्टर करियर के कारण मुंबई में रह रहे हैं, वहीं पिता और मां गांव में ही रह रहे थे। ‘मैशेबल’ से बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने एक बार बताया था कि उनके पिता को उनकी अचीवमेंट में जरा भी दिलचस्पी नहीं है। उन्हें यह तक नहीं पता है कि बेटा पंकज त्रिपाठी फिल्म इंडस्ट्री में क्या काम करता है।

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एक ही बार मुंबई आए थे पंकज त्रिपाठी के पिता, कभी नहीं गए थिएटर

पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि उनके पिता सिर्फ एक ही बार मुंबई आए। उन्हें यहां के बड़े-बड़े घर और बिल्डिंग पसंद नहीं आती थीं। पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि उनके पिता कभी भी किसी थिएटर में फिल्म देखने नहीं गए। घर पर भी वह तभी बेटे की फिल्में देखते थे, अगर कोई टीवी या कंप्यूटर पर दिखा देता था। कुछ समय पहले ही पंकज त्रिपाठी ने मां और पिता के लिए घर में टीवी लगवाया था।

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पिता चाहते थे डॉक्टर बनें पंकज त्रिपाठी

वहीं 2018 में ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह एक्टर बनें। पिता की ख्वाहिश थी कि बेटा पढ़-लिखकर डॉक्टर बने। एक्टर ने कहा था कि वह बिहार के गोपालगंज स्थित जिस इलाके से आते हैं, वहां लोग बस दो ही प्रोफेशन जानते हैं- एक तो डॉक्टर और दूसरा इंजीनियर। हालांकि पंकज त्रिपाठी एक्टर बन गए, और उन्हें मां और पिताजी का खूब सपोर्ट मिला। पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि बस उनके पिता को यही चिंता सताती रहती थी कि बेटा रोजी-रोटी कमा पाएगा या नहीं।

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