बंगाल में रिटायर्ड जस्टिस से 4.49 करोड़ रुपये ठग कर समस्तीपुर आया, अब चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) से चाह रहा था टिकट, लेकिन हुआ गिरफ्तार

समस्तीपुर : समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर विधानसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे स्व. सुंदेश्वर राय के पुत्र राजीव रंजन कुमार को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, बिधाननगर ईस्ट थाना क्षेत्र की पुलिस ने उन्हें एक रिटायर्ड जज से धोखाधड़ी के मामले में हिरासत में लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड जज इंद्रजीत चटर्जी ने 7 सितंबर 2025 को राजीव रंजन कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि राजीव रंजन ने एक वित्तीय लेन-देन में भारी रकम लेकर वापस नहीं की। मामले की जांच के बाद गुरुवार को बिधाननगर थाने की पुलिस ने नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद राजीव रंजन को थाने लाया गया, जहां प्रारंभिक पूछताछ की गई। इस दौरान उनकी एक तस्वीर भी सामने आई है, जो विधाननगर थाने परिसर की बताई जा रही है। यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।उधर, वायरल तस्वीर और मैसेज की Samastipur Town Media ने पड़ताल की तो यह मामला धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ा पाया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई के लिए आरोपी राजीव रंजन कुमार को कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।

बता दें कि साल्ट लेक निवासी सेवानिवृत्त जस्टिस इंद्रजीत चटर्जी ने बिधाननगर ईस्ट पुलिस स्टेशन में इसी 7 सितंबर को एक बड़े आर्थिक धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। शिकायत में उन्होंने प्रमोटर राजीव रंजन कुमार, निवासी एसी-127, सेक्टर-I एवं एफई-144, सेक्टर-III, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता पर 4.49 करोड़ रुपये की ठगी और धन के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया था।

रिटायर्ड जस्टिस इंद्रजीत चटर्जी, जो वर्तमान में बीके-169, सेक्टर-II, साल्ट लेक में रहते हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि राजीव रंजन कुमार, जो “त्रिमूर्ति इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड” के प्रबंध निदेशक हैं, ने निवेश के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी की। शिकायत के अनुसार, वर्ष 2024 में संपत्ति खरीदने के दौरान जस्टिस चटर्जी की राजीव से पहचान हुई थी। संपत्ति सौदे में मदद के बाद राजीव ने विश्वास जीतकर उन्हें दो प्रोजेक्ट्स — FE-388, सेक्टर-III और CA-124, सेक्टर-I, साल्ट लेक — में निवेश का प्रस्ताव दिया। राजीव ने दावा किया कि निवेश पर उन्हें 24% वार्षिक ब्याज मिलेगा और परियोजनाओं से होने वाले लाभ को 50-50 के अनुपात में साझा किया जाएगा।

इस विश्वास के आधार पर, जस्टिस चटर्जी ने 2 करोड़ रुपये चार चेकों के माध्यम से दिए। बाद में राजीव ने परियोजनाओं के बहाने और ₹2.29 करोड़ रुपये भी लिए। इस प्रकार ब्याज जोड़कर कुल निवेश 4.49 करोड़ तक पहुंच गया।
लेकिन शिकायत के अनुसार, यह पैसा जिन दो प्रोजेक्ट्स (FE-388 और CA-124) के लिए लिया गया था, उनमें निर्माण कार्य दिसंबर 2024 के बाद बिल्कुल भी नहीं हुआ। इसके बजाय, राजीव ने उक्त राशि का उपयोग AJ-13, सेक्टर-II और FE-144, सेक्टर-III में स्थित दो अन्य चार मंजिला इमारतों के निर्माण में किया। जस्टिस चटर्जी ने आरोप लगाया कि यह सब ‘सुनियोजित धोखाधड़ी’ थी। राजीव ने जानबूझकर उनकी गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया और अपने लाभ के लिए निवेश की राशि को दूसरी परियोजनाओं में लगा दिया।
#BREAKING : विभूतिपुर विधानसभा सीट से लोजपा(रा) के सिंबल पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे राजीव रंजन को बंगाल के विधाननगर थाने की पुलिस ने रिटायर्ड जज से करीब साढ़े चार करोड़ रुपये धोखाधड़ी के मामले में किया गिरफ्तार। #Exclusive तस्वीर विधाननगर थाने की है, जहां उनकी गिरफ्तारी के बाद… pic.twitter.com/XwTGDsnhaH
— Samastipur Town (@samastipurtown) October 9, 2025
उन्होंने यह भी बताया कि लगातार अनुरोध और संपर्क के बावजूद राजीव ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया और संपर्क से बचने लगे। जब शिकायतकर्ता ने निर्माण स्थलों का दौरा किया तो पाया कि उनके निवेश से संबंधित परियोजनाएं अधर में पड़ी हैं। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि इस आर्थिक धोखाधड़ी ने जस्टिस चटर्जी और उनके परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से तोड़ दिया है। उनकी पत्नी को तनाव के कारण मानसिक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि वे स्वयं अपने मानसिक रूप से विकलांग बेटे के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने पुलिस से राजीव रंजन कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक दुरुपयोग के आरोपों के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की है।











