समस्तीपुर में बिहार पुलिस का सिपाही कैसे बना कुख्यात अपराधी? सस्पेंड हुआ तो AK-47 से ह’त्या की रचने लगा साजिश, रेड में डेढ़ करोड़ नगद व पैसे गिनने की भी मशीन मिली
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समस्तीपुर : बिहार पुलिस का एक सिपाही वर्दी पहनकर भी अपराध की घटनाओं में ही दिलचस्पी ले रहा था। जब उसकी ये करतूत सीनियर अधिकारियों की नजर में आयी तो जांच के बाद उसे सस्पेंड कर दिया। इस शख्स का नाम है सरोज कुमार सिंह उर्फ निमकी सिंह जो समस्तीपुर जिले का रहने वाला है। सरोज सिंह सस्पेंड होने के बाद पूरी तरह अपराध की दुनिया में उतर गया और कुख्यात अपराधी की तरह काम करने लगा। शुक्रवार को एसटीएफ और समस्तीपुर पुलिस ने मिलकर उसे धर दबोचा।
घर से एके-47, इंसास, कार्बाइन और राइफल बरामद
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीनगर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में एसटीएफ और जिला पुलिस ने मिलकर कार्रवाई की। निलंबित सिपाही और कुख्यात अपराधी सरोज सिंह के आवास पर छापेमारी की। इस दौरान सरोज सिंह के मकान में छिपाकर रखे गए एके-47, इंसास, कार्बाइन और राइफल जैसे आधुनिक हथियार और भारी मात्रा में कारतूस व खोखे बरामद किए गए। पटना में भी उसके ठिकानों को खंगाला गया।
सरोज सिंह ने STF पर चलायी गोली, दबोचा गया
छापेमारी सुबह 3 बजे ही शुरू कर दी गयी। करीब छह घंटे तक रेड चली। पुलिस की कार्रवाई से घबराकर सरोज सिंह और उसके गुर्गों ने गोलीबारी शुरू कर दी। लेकिन उसे धर दबोचा गया। सूत्र बताते हैं कि सरोज सिंह प्रिंस मुखिया और नवीन सिंह की हत्या की साजिश रच रहा था। एसटीएफ को तकनीकी निगरानी के आधार पर उसका लोकेशन मिला तो धर दबोचा।

फरवरी महीने में हुआ था सस्पेंड :
सरोज कुमार सिंह वर्ष 2008 में बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नियुक्त हुआ था। जहानाबाद जिले में उसकी पोस्टिंग थी जहां यातायात थाने में रहते हुए उसपर गंभीर आरोप लगेह वह अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने लगा और उसके सबूत भी सीनियर अधिकारियों के हाथ लग गए। पिछले वर्ष उसे सस्पेंड कर दिया गया था। उसके खिलाफ मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।
पटना में गर्दनीबाग की सरिता वाटिका के हाउस नंबर 4-B में उसके घर से 1 करोड़ 40 लाख रुपए कैश मिले। नोट गिनने की मशीन भी बरामद की गई। जानकारी के अनुसार सरोज सिंह की सिपाही में नियुक्ति हुई थी। जिसके बाद उसे जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक का बॉडीगार्ड बना दिया गया था। बाहुबली का अंगरक्षक बनने के बाद उसका संपर्क हाई प्रोफाइल लोगों से होने लगा। वो बॉडीगार्ड कम बाहुबली का आदमी बनकर उनके लिए काम करने लगा।
जमीन कारोबारी से लेकर हथियार तस्करों से पहचान हुई। इसी के बाद से सरोज ने बड़े-बड़े सपने देखने शुरू किए। सरोज की नजर गंगा दियारा की 100 बीघा जमीन पर पड़ी। धीरे-धीरे पैसे बढ़ने लगे तो सोने के गहने पहनने का शौक चढ़ गया। लोग गोल्ड मैन कहकर बुलाने लगे। बताया जाता है कि दियारा में छोटे हथियार से काम नहीं होता। लंबी रेंज की राइफल की जरूरत होती। वर्चस्व जमाने के लिए हथियार चमकाने पड़ते हैं। वहीं, दूसरी तरफ दो दुश्मन प्रिंस मुखिया और नवीन सरोज के लिए सिर दर्द बने थे। अकेले वर्चस्व कायम करने में सरोज को परेशानी हो रही थी। इस कारण सरोज दोनों की हत्या करना चाहता था। इसी कारण सरोज ने हथियारों की खरीदारी की। पुलिस होने के नाते उसे हथियार लेकर आने में परेशानी नहीं होती थी। मोहिउद्ददीन नगर के सुल्तानपुर गंगा दियारा में सरोज के घर छापेमारी वहीं हथियार मिले थे।
वर्चस्व के लिए अपने साथियों से हुई दुश्मनी :
सरोज को जानने वाले बताते हैं कि शुरुआत में प्रिंस मुखिया, नवीन सिंह और सरोज सिंह, तीनों एक साथ रहते थे। घर भी आसपास ही है। सरोज ने जब दियारा की जमीन पर कब्जा जमाने की सोची थी तब तीनों ने मिलकर बाहरी लोगों को वहां से खदेड़ा। बाद में सरोज की लालच बढ़ गई। वो चाहता था कि दियारा की पूरी जमीन पर उसका ही राज चले। वर्दी का पावर सरोज के पास अलग था। इसी कारण प्रिंस से उसकी दुश्मनी हो गई, दोनों के रास्ते अलग हो गए। जमीन पर कब्जाने पर सरोज पर केस भी हुआ।
गंगा के रास्ते हथियार घर तक लाता था :
सरोज का घर गंगा नदी के पास ही। उसे हथियार लाना होता था तो वो नदी का रास्ता चुनता था। रात के अंधेरे में ही हथियार लाता था। उस वक्त पुलिस की पेट्रोलिंग नहीं रहती थी। हथियार लेकर गंगा नदी के रास्ते वो नाव से बाढ़-बख्तियारपुर गंगा पार करता था। चर्चा है कि बाहुबली से हथियारों का लेना-देना भी होता था। सरोज ने अपने चाचा और चचेरे भाइयों के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया। खूब पैसे कमाए। दूसरी तरफ प्रिंस से दूरी भी बढ़ती गई।
7 घंटे रेड चली, 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई :
शुक्रवार की सुबह 5 बजे से सरोज के घर सर्च ऑपरेशन चला। जो दोपहर 12 बजे खत्म हुआ। STF की टीम ने उसके चाचा परशुराम सिंह के घर की भी तलाशी ली। कहा गया है उसके घर से भी हथियार बरामद हुआ है। STF सरोज, उसके चाचा परशुराम, सरोज के दो चचेरे भाई और एक अन्य को गिरफ्तार कर ले गई थी। कुल 5 गिरफ्तारियां हुई थीं। परशुराम सिंह की पत्नी मुन्नी देवी ने आरोप लगाया- सर्च अभियान के दौरान पुलिस वाले घर के गहने भी उठाकर ले गए है। जो गलत है। दोनों बेटों को भी पुलिस ले गई है। इन सबसे उसका कोई लेना देना नहीं है।
वीडियो :