समस्तीपुर: म’र्डर मामले में तीन अभियुक्त दोषी करार, हिसाब-किताब का बहाना बनाकर अपने साथ ले गये थे और कर दी थी ह’त्या
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समस्तीपुर : जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय के न्यायालय ने शनिवार को हत्या कर लाश छिपाने के मामले में उजियारपुर थानांतर्गत रामचन्द्रपुर अंधैल गांव के श्रीकृष्ण राय, जय किशुन राय एवं महेंद्र राय को धारा 302 , 201 भादवि में दोषी पाया। इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। वहीं एक अन्य अभियुक्त तृप्ति नारायण चौधरी उर्फ बिकाऊ चौधरी को कोर्ट ने समुचित साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।
घटना के संबंध में एपीपी अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि कांड के सूचक उजियारपुर थानांतर्गत रामचन्द्रपुर अंधैल गांववासी ने 24 मई 2002 को पुलिस को बयान दिया कि वादी तीनों भाई ग्रामीणों के साथ अपने दरवाजे पर बैठे हुए थे। तभी अभियुक्त तिरपित नारायण चौधरी उर्फ बिकाऊ चौधरी, महेंद्र राय, जय किशुन राय एवं श्रीकृष्ण राय वादी के दरवाजे पर आये और सूचक के बड़े भाई रामचन्द्र राय को जमीन की बिक्री व हिसाब-किताब का बहाना बनाकर अपने साथ ले गये।
काफी देर बाद जब रामचन्द्र राय घर वापस नहीं आया तो सूचक सपरिवार काफी खोजबीन की। दूसरे दिन सुबह गांव के ही आम एवं शीशम के बगीचे के गड्ढे में उसका शव मिला। मृतक के गले में रस्सी का फंदा का काला दाग था। आंख के चारों तरफ नुकीले चीज से नाक, बदन पर घोंपा पाया। वादी ने कहा कि जमीन विवाद को लेकर इनके बड़े भाई रामचन्द्र राय की हत्या कर शव छुपाया गया है।
घटना को लेकर अभियुक्तों के विरुद्ध उजियारपुर थाना कांड संख्या 26/2002 दर्ज किया गया। वाद की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उजियारपुर थानांतर्गत रामचन्द्रपुर अंधैल गांव के श्रीकृष्ण राय, जय किशुन राय एवं महेंद्र राय को दोषी पाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। वहीं एक अन्य अभियुक्त तृप्ति नारायण चौधरी उर्फ बिकाऊ चौधरी को कोर्ट ने समुचित साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। एपीपी ने बताया कि सजा के बिंदु पर 10 जून 2025 को फैसला सुनाया जायेगा।