बैंक मैनेजर के बयान पर हुई FIR दर्ज, सभी अपराधकर्मी स्थानीय हिन्दी भाषा में कर रहे थे बातचीत
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समस्तीपुर :- उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी व काशीपुर स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ब्रांच मैनेजर शानू सक्सेना ने नगर थाने में लूटकांड की प्राथमिकी दर्ज करायी है। जिसमें उन्होंने बताया कि बुधवार को दिन के करीब 11:45 बजे दो व्यक्ति बैंक के अंदर आये और उपशाखा प्रबंधक शशि भूषण कुमार से कुछ देर बात किया तथा उसमें से एक व्यक्ति बैंक मैनेजर के केबिन में घूसकर सीट के पीछे जाने लगा। इस दौरान टोकने पर उसने अपने कमर से पिस्टल निकालकर उसके उपर तान दिया और कैश कहाँ है, बोलकर हथियार के बल पर धक्का देकर केबिन से बाहर निकाल दिया।
उसके बाद 4 से 5 अन्य अपराधकर्मी भी हथियार के साथ बैंक में घुस गये। उस समय बैंक में ब्रांच मैनेजर के अलावे दो सहकर्मी एवं तीन ग्राहक ही मौजूद थे। इस दौरान सभी अपराधकर्मियों ने अपने-अपने हाथ में हथियार निकाल लिया। इसके बाद सभी को हथियार के बल पर बंधक बनाकर बैंक के केबिन के बगल में एकत्र कर दिया तथा सभी का मोबाईल फोन ले लिया। इसी दौरान बैंक पीउन एवं बैंक कैशियर बाहर से बैंक आये, जो बैंक कार्य के लिये बाहर गये हुए थे। उन दोनों को भी बदमाशों ने बंधक बनाकर मोबाइल ले लिया। इसके बाद बैंक में मौजूद सभी के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज करने लगे।
उसके बाद हथियार के बल पर कैशियर रंजीत कुमार एवं उपशाखा प्रबंधक शशि भूषण कुमार से लॉकर की चाभी ले लिया और सभी को स्टोर रूम में बंद कर दिया। इस दौरान एक अपराधकर्मी हथियार लेकर स्टोर रूम में सभी का हाथ उपर कराये रखा। कुछ देर बाद दूसरा अपराधकर्मी आया व कैशियर, उपशाखा प्रबंधक तथा पीउन को मारते-पीटते हुए बाहर ले गये और उनलोगों से हथियार के बल पर लॉकर खुलवाया तथा लॉकर में रखा 15 लाख 2 हजार 791 रूपया एवं 9.75 किलो ग्राम आभूषण ले लिया।
इस दौरान विरोध करने पर बदमाशों ने बैंक के अंदर ही गोली भी चला दी। सभी पैसे व आभूषण लूटने के बाद अपराधकर्मियों के द्वारा सभी को लेडीज टॉयलेट में ले जाकर बंद कर दिया गया। करीब 15-20 मिनट लेडीज टॉयलेट में बंद रहने के दौरान जब किसी व्यक्ति की आहट नहीं सुनाई दी तो सभी लोगों ने मिलकर दरवाजा को टेढ़ा किया और किसी तरह बाहर निकले।
बाहर निकलने पर तिजोरी खुला मिला, वहीं बैंक में लगे सीसीटीवी का हार्ड डिस्क गायब था। इसके अलावे कैशियर का पीठ्ठु बैग भी गायब था। जिसमें चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक आईडी कार्ड था। इसके तुरंत बाद बैंक मैनेजर के द्वारा बैंक के लैंडलाईन नंबर से पुलिस को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही कुछ ही मिनटों में पुलिस टीम बैंक पहुंच गयी।
बैंक मैनेजर ने बताया अपराधियों का हुलिया :
बैंक मैनेजर ने एक अपराधकर्मी का हुलिया बताते हुए कहा की जो बदमाश उनके केबिन में आया था, वह मध्यम कद का, उजले रंग का चेक शर्ट पहने हुए उम्र करीब 25-30 वर्ष का था एवं बंधक बनाने वाले अपराधकर्मियों में क्रमशः पहले का बदन गठीला, रंग सांवला, औरेंज रंग का शर्ट पहने हुए उम्र करीब 35-40 वर्ष, दूसरे का बदन पतला-दुबला, रंग सांवला व टी-शर्ट पहने हुए उम्र करीब 30-35 वर्ष, तीसरे का रंग सांवला एवं उजले रंग का शर्ट पहने हुए था जिसका उम्र करीब 25-32 वर्ष रहा होगा। वहीं अन्य अपराधियों की उम्र करीब 25-35 के बीच रही होगी।
बैंक के नीचे से फोन पर अपराधी को पुलिस के गतिविधियों का दिया जा रहा था सूचना :
बताया गया है की सभी अपराधियों में से एक अपराधकर्मी लगातार फोन पर बात-चीत कर रहा था। आशंका है की बैंक के नीचे मौजूद अपने साथियों के साथ वह संपर्क में था और नीचे की गतिविधियों पर फोन के ही माध्यम से संपर्क बनाये हुए था। अपराधकर्मी बैंक में करीब आधे घंटे तक रहे, इस दौरान इसकी भनक तक पुलिस प्रशासन को नहीं लगी। आधे घंटे तक लूटपाट व फायरिंग कर सभी वहां से अलग-अलग दिशाओं में निकल गये। कुछ बदमाश केई इंटर स्कूल होते ताजपुर रोड से निकल गये तो कुछ तिरहुत अकादमी स्कूल होते गंगापुर चौक से नेशनल हाइवे पर निकल गये। हालांकि पुलिस नाकेबंदी कर छान करती रही लेकिन अपराधी रास्ता बदल-बदलकर निकलते चले गये।
स्थानीय हिंदी भाषा में कर रहे थे बातचीत :
बैंक कर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त सभी अपराधकर्मी स्थानीय हिन्दी भाषा में बातचीत कर रहे थे। अपराधकर्मी के बातचीत से ऐसा लग रहा था कि उन्हें पता था, कि कौन-सा बैंक कर्मी किस जगह से ड्यूटी आते-जाते है। इस बैंक में मौजूद क्लर्क मीनू कुमारी ने बताया कि सभी अपराधकर्मियों में से दो अपराधकर्मी एक दिन पहले बैंक में खाता खुलवाने के लिये पूछ-ताछ करने आये थे।
अपराधियों को पता था सीसीटीवी, फिर भी चेहरा खोलकर पहुंचे :
बैंक लूटने पहुंचे अपराधियों के द्वारा महीनों से इसकी रेकी की जा रही थी। उन्हें पता था की नीचे साइबर कैफे है जिसमें कैमरा है, बैंक के सामने भवन में भी कैमरा था। अमूमन काशीपुर के अधिकतर जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगा है।
बदमाशों को इसकी भनक पहले से थी बावजूद इसके वह लोग लूटने के लिये चेहरा खोलकर पहुंच पुलिस को पकड़ने की खुली चुनौती दी है। अपराधियों को यह भी लगा होगा की काशीपुर काफी सघन इलाका है। एक साथ नकाबपोश के निकलने पर लोगों को शक हो जाता और वह लोग आम लोगों के हत्थे चढ़ सकते थे। सभी लुटेरों ने इतनी आसानी से आम दिन के तरह उपर गये और लूटपाट कर निकल गये की नीचे स्थित साइबर कैफे में मौजूद लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।