बजट सत्र का हिसाब-किताब: मां-बाप, बउआ से लेकर नौकरी तक, बजट चर्चा में क्या क्या हुआ?
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बिहार विधानसभा का बजट सत्र जारी है. अब तक के बजट सत्र के दौरान विधानमंडल में कई मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हुए. इन मुद्दों में मां, बाप, बचवा, भांग से लेकर रानी-महारानी तक शामिल है. बिहार विधानसभा का बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू हुआ है. इस दौरान बिहार की नीतीश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया, जिसमें दलितों, महिलाओं और किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है. वहीं बजट चर्चा के दौरान विपक्ष ने सदन और सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. वहीं सता पक्ष ने भी पलटवार करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. अब तक (12 मार्च) बजट सत्र के 9 दिन पूरे हुए हैं.
चुनाव से पहले नौकरी का ऐलान
11 मार्च को विधानसभा में सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने ऐलान करते हुए कहा कि चुनाव से पहले बिहार में 52 हजार 525 अफसरों की नियुक्ति होगी. इनमें 12437 से ज्यादा बिहार कर्मचारी आयोग से वहीं 16513 अफसरों की नियुक्ति बीपीएससी के माध्यम से होगी. इसके अलावा 5 मार्च को आरजेडी से निष्कासित MLC सुनील सिंह की विधान परिषद की सदस्यता बहाल हो गई.
सुप्रीम कोर्ट क आदेश के बाद विधान परिषद सचिवालय ने सदस्यता बहाल की. बता दें, सुनील सिंह की सीएम नीतीश पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. वहीं इस एक्शन के खिलाफ सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां से उन्हों राहत मिली. बता दें, सुनील सिंह को लालू यादव का करीबी माना जाता है.
सीएम नीतीश और तेजस्वी में बहस
बजट सत्र के तीसरे दिन यानी 4 मार्च को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बयानबाजी हुई. तेजस्वी ने सरकार को खटारा बताया तो वहीं पलटवार करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि ये बच्चा है, इसे कुछ नहीं पता. 2005 के पहले कुछ नहीं था. तुम्हारे पिता (लालू यादव) को भी हमने ही बनाया है. तुम्हारी जाति के लोग कहते थे, ऐसा मत करो.
डिप्टी सीएम ने तेजस्वी को बताया ‘बउआ’
बजट सत्र के 5वें दिन यानी 6 मार्च को सदन में बजट पर चर्चा हुई. इस दौरान बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास और समृद्धि में लालू परिवार का कोई योगदान नहीं रहा. डिप्टी सीएम ने बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर निशाना साधा और कहा, “इन्हें क्या पता है. ये बउआ हैं. जो लिख के दिया जाता है. बचवा आ कर पढ़ जाते हैं.”