संभावित बाढ़ को लेकर समस्तीपुर जिला प्रशासन की तैयारी शुरू, 37 हजार गर्भवती और धात्री महिलाओं की होगी मॉनिटरिंग
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समस्तीपुर :- संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं व धात्री महिलाओं का विशेष ख्याल रखा जाएगा। जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आईसीडीएस विभाग की ओर से अब तक 37 हजार गर्भवती व धात्री महिलाओं की पहचान की गई है। जिसकी हरस्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। हालांकि सूची बनाने का का अब भी जारी है। जिससे लाभुकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाकों प्रसव सेवाओं के अलावा अन्य सेवाएं जैसे नियमित टीकाकरण, ओपीडी आदि को सुचारू रखा जाएगा। इसके लिए गर्भवती सूची तैयार की जा रही है। ताकि डिलीवरी किट्स और मैटरनिटी हब की व्यवस्था समय पर की जा सके। बाढ़ से पहले आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र के छह माह से छह साल तक के बच्चे, गर्भवती और धातृ महिलाओं के अलावा वैसी महिलाओं का सर्वे कराया गया है, जो तीन से चार माह के अंदर मां बनने वाली है।
जिला प्रोग्राम शाखा के निर्देश पर सेविका व सहायिका के सर्वे के आधार पोषण पोर्टल पर सूची अपलोड किया जाएगा। इस सूची को आपदा प्रबंधन को उपलब्ध कराई जाएगी। इन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का संकटग्रस्त समूह माना गया है। राहत शिविरों में संकटग्रस्त समूहों के रहने की अलग से व्यवस्था की जाएगी। बच्चों को दूध सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गर्भवती महिलाओं की जानकारी संबंधित स्वास्थ्य केन्द्रों को भी भेजी जाएगी। ताकि समय से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके।
संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की भी होगी पहचान :
इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों और संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों का भी पहचान करने का निर्देश विभाग द्वारा दिया गया है। इसके तहत अनुसूचित जाति और जनजाति, निराश्रित, दिव्यांग और बीमार व्यक्तियों की पहचान अलग से की जा रही है। आपदा एवं प्रबंधन विभाग के सचिव ने राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, मेडिकल कैंप, रोशनी, सफाई, नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण, प्रसव की व्यवस्था, मनोवैज्ञानिक परामर्श, सैनेटरी किट आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
बाइट :
बाढ़ के दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है। नियमित जांच सहित हर सुविधा मुहैया कराने को लेकर सूची तैयार की जा रही है।
-अलका आम्रपाली, डीपीओ आईसीडीएस