शराबबंदी होगी खत्म! पर्यटन मंत्री करेंगे सीएम नीतीश से बात, सियासी सरगर्मियां हुई तेज
बिहार में लागू शराबबंदी कानून को लेकर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से विरोध करते रहे हैं. अब नीतीश सरकार में बीजेपी (BJP) कोटे के मंत्री भी इस कानून में रियायत की देने की बात करने लगे हैं. जिसके बाद बिहार की शराबबंदी कानून को लेकर चर्चाएं एक बार फिर से तेज हो गई हैं. दरअसल, बिहार में भाजपा कोटे से पर्यटन मंत्री राजू सिंह ने कहा है कि शराबबंदी की वजह से बिहार का होटल व्यवसाय और फिल्म उद्योग क्षेत्र काफी प्रभावित हो रहा है. इन परेशानियों को दूर करने के लिए उनका विभाग प्रयास कर रहा है.
मंत्री राजू सिंह ने जोर देते हुए कहा कि शराबबंदी से होटल और फिल्म उद्योग प्रभावित हो रहा है. इस नीति के चलते इन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर चर्चा करेंगे और गुजरात की तर्ज पर बिहार में भी शराबबंदी कानून में रियायत देने को लेकर अपनी बात रखेंगे. बता दें कि पर्यटन मंत्री द्वारा इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रयाओं का दौर शुरू हो गया.
जेडीयू की प्रतिक्रिया
बता दें कि मंत्री के इस बयान के बाद जेडयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बिहार में शराबबंदी का निर्णय लिया. इसके कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले. समय-समय पर समीक्षा हुई लेकिन समीक्षा के नाम पर शराबबंदी को समाप्त कर दिया जाए, यह उचित नहीं है. कुछ शराब प्रेमी लोग अपने हिसाब से बोलते रहते हैं. मंत्री जी ने अपनी बातें कही हैं, ठीक है, लेकिन डाटा के हिसाब से प्रत्येक साल शराबबंदी के बावजूद भी पर्यटकों की संख्या बड़ी है. प्रधानमंत्री जी ने बिहार में शराबबंदी की तारीफ की है. जब उन्होंने ही बयान दे दिया, तो किसी के बयान का कोई औचित्य नहीं बनता. बिहार में शराबबंदी से कोई कंप्रोमाइज नहीं किया जाएगा.
राजद की प्रतिकिया
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के विचारों को कमजोर करने के लिए ही नाथूराम गोडसे के विचारों पर चलने वाले इस तरह की बातें कर रहे हैं और शराबबंदी अभियान को विफल करने के प्रयास में लग गए हैं. यह कहीं से उचित नहीं है. अपने ही शपथ से मुकरने वाली उनकी सोंच का स्पष्ट प्रमाण है. महागठबंधन सरकार के रहते हुए 30 जनवरी 2016 को बिहार में पूर्णतः शराबबंदी लागू हुआ था और इसके लिए मानव श्रृंखला बनाया गया था. जिसमें रिकॉर्ड तोड़ संख्या में लोगों ने शिरकत की थी और यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था, लेकिन अफसोस की बात है कि जिन लोगों ने उस समय शपथ लिया था कि ना पियेंगे और ना पीने देंगे. वही लोग कहीं ना कहीं शराब बंदी अभियान को विफल करने में लग गए हैं.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा बीजेपी के मंत्री के बयान से बिल्कुल स्पष्ट है कि शराबबंदी बिहार में पूरी तरह से सफल है. यह सभी जानते हैं और बिहार में शराब माफिया का बोलबाला है. राजस्व घट रहा है, यह भी सच है लेकिन राजस्व व्यक्तिगत पॉकेट में बढ़ रहा है. ऊपर से लेकर नीचे तक थानेदार से लेकर कप्तान तक. यह सभी जानते हैं इसका हिस्सा ऊपर तक जाता है. सभी जानते हैं शराबबंदी पर पुन: विचार निश्चित रूप से होना चाहिए.