BPSC ने कहा परीक्षा में नहीं हुई गड़बड़ी, गया-नवादा DM ने भी बताया खान सर के दावे का सच
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) और पटना के चर्चित शिक्षक खान सर के बीच विवाद गहराता जा रहा है. 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के दावों के बाद आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. BPSC ने साफ तौर पर कहा कि परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ हुई और पेपर लीक या चोरी जैसी कोई घटना नहीं हुई.
BPSC ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
BPSC ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर एक पोस्ट जारी कर कहा, ‘ खान सर द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगातार साक्षात्कार देकर आयोग के प्रति अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है.कुछ दिन पहले, इनके द्वारा नवादा एवं गया जिले के कोषागार से एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न-पत्र गायब/चोरी हो जाने संबंधी मनगढ़ंत आरोप लगाकर अभ्यर्थियों को भ्रमित करने की कोशिश की गई कि इसका प्रमाण उनके पास मौजूद है.ऐसे खोखले दावे, जिला पदाधिकारी, गया एवं नवादा के निम्न प्रतिवेदनों से स्वतः खारिज हो जाते हैं.’
गया और नवादा के डीएम ने दावों का किया खंडन
BPSC के इन बयानों के समर्थन में गया और नवादा जिले के जिलाधिकारियों (DM) ने भी अपनी-अपनी रिपोर्ट जारी की. नवादा के DM रवि प्रकाश ने कहा कि परीक्षा के दौरान कोई अनियमितता नहीं हुई और कोषागार से प्रश्नपत्र चोरी होने की खबरें पूरी तरह से झूठी हैं. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रश्नपत्र चोरी की खबरें निराधार और भ्रामक हैं. वहीं, गया के डीएम त्यागराजन एसएम ने भी इसी तरह का बयान जारी किया और कहा कि जिले में परीक्षा के संचालन के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती गई. उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र गायब होने या कबाड़ की दुकानों में बेचे जाने के दावे पूरी तरह निराधार हैं.
खान सर ने लगाए थे ये आरोप
शिक्षक खान सर ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि नवादा और गया के कोषागार से BPSC परीक्षा के प्रश्नपत्र की चोरी हुई थी. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. उनके इन दावों के बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ और छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई.
BPSC की अपील
BPSC ने अभ्यर्थियों और अभिभावकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और परीक्षा से जुड़ी जानकारी आयोग के आधिकारिक स्रोतों वेबसाइट या सोशल मीडिया हैंडल से ही लें. आयोग ने यह भी संकेत दिया कि वह झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर सकता है.