बिहार विधानसभा के नये स्पीकर होंगे नंदकिशोर यादव, जानिए कब करेंगे नामांकन…
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बिहार के सियासी गलियारे से बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि बिहार विधानसभा के नये स्पीकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव होंगे। जानकारी के मुताबिक वे मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे नामांकन करेंगे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं नंदकिशोर यादव
गौरतलब है कि नंदकिशोर यादव पूर्व मंत्री के तौर पर कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में समाज की सेवा-यात्रा शुरू करने वाले नंदकिशोर यादव का राजनीतिक सफरनामा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद प्रारंभ हुआ।
पार्षद से शुरू हुई थी सियासी यात्रा
पटना नगर निगम के पार्षद चुने जाने से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा आज इस मुकाम तक पहुंची है। न केवल भारतीय जनता पार्टी बल्कि इसके अनुषांगिक संगठनों के विभिन्न पदों का सफल निर्वहन करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तक पहुंचना इनकी कर्तव्यनिष्ठा और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता का प्रमाण है।
लगातार सातवीं बार साल 2020 में भी अपने गृह क्षेत्र पूर्वी पटना (बाद में पटना साहिब) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होना आमजनों के निरंतर बढ़ते प्रेम और स्नेह का परिचायक है। बातचीत में सादगी, व्यवहार में आत्मीयता और बेहद संवेदनशील हृदय वाले नंदकिशोर यादव सन 1978 में पटना नगर निगम के पार्षद बने। युवा शक्ति के प्रतीक में उभर रहे नंदकिशोर यादव को 1978 में जनता युवा मोर्चा के पटना जिला अध्यक्ष की जिम्मेवारी मिली।
पार्टी के जनाधार को किया मजबूत
1982 में पटना नगर निगम के उप महापौर बन पूरे पटना शहर की साफ-सफाई, बत्ती-रौशनी एवं अन्य जन कल्याणकारी कार्यों का कार्यान्वयन कर खासी लोकप्रियता अर्जित की। साथ ही पार्टी के जनाधार को भी मजबूत किया। इनकी कार्यपद्धति को देख नंदकिशोर यादव को 1983 में भारतीय जनता पार्टी का पटना महानगर का अध्यक्ष बनाया गया।
सन 1990 के पूर्व तक नंदकिशोर यादव भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष रहे। 1990 में भाजपा नेतृत्व ने इन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना कर एक बड़ी जिम्मेवारी सौंपी, जिसका इन्होंने सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
1995 में नंदकिशोर यादव पहली बार पूर्वी पटना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। इनकी लोकप्रियता के निरंतर बढ़ रहे ग्राफ और पार्टी के वरीय नेताओं की नजर में कर्मठ नेता होने के कारण 1998 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेवारी मिली। इनके अध्यक्षीय कार्यकाल में सन् 1999 में हुए लोकसभा के चुनाव में एनडीए को शानदार जीत मिली और इसके 41 प्रत्याशी निर्वाचित हुए। इनमें भाजपा के 23 और जद(यू) के 18 सांसद चुने गये।