आरजेडी ऑफिस पर प्रदर्शन करने वालीं 2000 आंगनबाड़ी सेविकाओं पर केस, पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
बिहार की राजधानी पटना स्थित आरजेडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वालीं लगभग दो हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि तेजस्वी यादव के जन्मदिन के मौके पर गुरुवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं ने आरजेडी दफ्तर के बाहर मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन किया था। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था। मगर प्रदर्शनकारी अड़े रहे।
जानकारी के मुताबिक उस वक्त ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट प्रकाश कुमार ने दो हजार महिला प्रदर्शनकारी और 30-40 पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि महिलाओं ने वीरचंद पटेल रोड स्थित आरजेडी कार्यालय के सामने गुरुवार को बिना अनुमति के भीड़ जुटाकर जुलूस निकालने के साथ ही प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़क जाम कर दी और यातायात को बाधित किया। वहां मौजूद अधिकारियों ने माइक के जरिए उनसे धरना खत्म करने की अपील भी की। मगर प्रदर्शनकारी महिलाएं अड़ी रहीं।

मजिस्ट्रेट के मुताबिक इससे मौके पर कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई। आरजेडी कार्यालय से हटने के बाद प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अदालतगंज रोड पर जाकर जाम लगा दिया। इसमें महिलाओं के साथ कुछ पुरुष भी शामिल थे। प्रशासन ने इस हंगामे की वीडियोग्राफी कराई है, ताकि प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा सकती है।
पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
बता दें कि मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाएं गुरुवार को आरजेडी दफ्तर पहुंच गई थीं। वे पार्टी कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गईं और रास्ता जाम कर दिया। वे तेजस्वी से मिलने की मांग पर अड़ी रहीं। पुलिस ने उनसे हटने की अपील की। जब वे नहीं मानीं तो पुलिस ने उनपर लाठियां बरसाईं और वाटर कैनन चलाकर वहां से खदेड़ा। महिला प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की विपक्ष ने निंदा की और नीतीश सरकार पर विधानसभा में हमला भी बोला।
आंगनबाड़ी कर्मियों का आंदोलन स्थगित
पटना में बीते कुछ दिनों से धरना दे रहीं आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। बताया जा रहा है कि त्योहार की वजह से यह धरना स्थगित किया गया है। दिवाली और छठ महापर्व के बाद राजधानी में वे फिर से नीतीश सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेंगी।