दरभंगा AIIMS पर मनसुख मंडाविया ने तेजस्वी को दिया जवाब! बोले- राजनीति से बाहर आइए और एम्स के लिए जगह दीजिए
दरभंगा में प्रस्तावित एम्स को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी है. दरअसल दरभंगा AIIMS को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद तेजस्वी यादव ने ट्विटर के जरिये केंद्र सरकार पर हमला किया है. तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर एक पुराने पत्र को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया है. वहीं अब तेजस्वी के आरोपों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी उन्हें तीखे अंदाज में जवाब दिया है.
तेजस्वी यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा- प्रिय तेजस्वी जी, मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है। हमारी नीयत साफ़ है। एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी। 26 मई 2023 को भारत सरकार ने उपलब्ध करवाई गई दूसरी ज़मीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है ऐसा लेटर बिहार सरकार को भेजा था जो इसके साथ शामिल है। आप ही बताओ ज़मीन को क्यूँ बदला गया, किसके हित में बदला गया?
मनसुख मंडाविया ने एक और ट्वीट कर तेजस्वी को संबोधित करते हुए कहा- बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गई अनुपयुक्त ज़मीन के लिए क्या कहा था? राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिये तत्काल उचित जगह दीजिए ! हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं.
दरअसल तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा था- आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे. वस्तुस्थिति ये है कि बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ ज़मीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित AIIMS के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी. प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफ़ेद झूठ बोला.
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में कहा- जून माह में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी से दूरभाष पर वार्ता कर, इसकी स्वीकृति देकर निर्माण कराने का आग्रह किया और आशान्वित होकर चिट्ठी भी लिखा लेकिन आजतक कोई सकारात्मक कारवाई नहीं हुई है.