9 से 4 कोचिंग बंद करने का केके पाठक का आदेश मंजूर नहीं, कोचिंग एसोसिएशन का अल्टीमेटम, कहा- निर्णय वापस ले सरकार
शिक्षा विभाग ने सूबे में सुबह नौ से चार बजे तक कोचिंग संचालन पर रोक लगा दी है। बिना परिणाम के आंकलन किए इस फैसले से राज्य भर में चलने वाले 90 कोचिंग बंद हो जाएंगे। यही नहीं चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व (जीएसटी) का नुकसान होगा। बड़े पैमाने पर विद्यार्थियों का पलायन होगा और सात लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
सरकार वापस ले निर्णय- कोचिंग एसोसिएशन
ये बातें कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत के पदाधिकारियों ने शनिवार को आयोजित प्रसेवार्ता में कहीं। संघ के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में देश के बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान आ चुके हैं। आगे और आने की तैयारी में है। यदि सरकार निर्णय में संशोधन नहीं करती है तो राज्य को बड़ी क्षति होगी। फिर से छात्रों का पलायन कोटा व दिल्ली के लिए शुरू हो जाएगा। जेईई, नीट, क्लैट, निफ्ट एंट्रेंस, डिफेंस आदि ऐसे परीक्षा हैं जहां सीमित अवसर मिलते हैं। इसी तरह बैंक, सिविल सर्विस आदि की परीक्षा में ग्रेजुएशन के बाद शामिल होना होता है। ऐसे में एक डंडे से सभी को नहीं हांका जा सकता है। संघ ने सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।
क्या है केके पाठक का आदेश?
आपको बता दें शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने बिहार के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल अवधि (सुबह 9 से शाम 4 बजे तक) में कोचिंग संस्थान न चले, यह सुनिश्चित कराएं।जिलाधिकारियों को जारी पत्र में लिखा है कि स्कूल अवधि में कोचिंग चल रहे हैं, जिससे स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक के बच्चों की उपस्थिति कम रहती है।
केके पाठक ने यह भी निर्देश दिया है कि एक से 7 अगस्त तक अभियान चलाकर सभी कोचिंग संस्थानों की सूची बना लें। आठ से 16 तक कोचिंग संचालकों की बैठक स्वयं अपने स्तर पर बुलाएं और उन्हें निर्देश दें कि स्कूल अवधि में कोचिंग न चलाएं। स्कूल अवधि के पहले या बाद में कोचिंग कक्षाएं चलाने को वह स्वतंत्र होंगे। 17 से 31 तक आप अधीनस्थ दंडाकारियों से कोचिंग का सघन निरीक्षण कराएं। यदि सुबह नौ से संध्या चार बजे तक कोचिंग चलता मिले तो चेतावनी निर्गत करें।
31 अगस्त के बाद कार्रवाई
31 अगस्त के बाद यदि कोई कोचिंग संस्थान उक्त बातों को नहीं मानते हैं तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई करने के लिए विभाग शीघ्र दिशा-निर्देश जारी करेगा। कोचिंग यह भी ध्यान रखेंगे कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को ना रखें जो किसी अन्य सरकारी या गैर सरकारी विद्यालय में अध्यापक या कर्मी हैं। कुल मिलाकर यह सुनिश्चित किया जाना है कि कोई सरकारी शिक्षक प्राइवेट कोचिंग नहीं पढ़ाएं। वे अपनी पूरी ऊर्जा स्कूलों में लगाएं।
सरकारी शिक्षक पढ़ा रहे हैं कोचिंग में
पाठक ने कहा है कि ऐसी जानकारी मिली है कि कोचिंग संस्थानों में सरकारी शिक्षक भी विद्यालय के समय के दौरान जाकर पढ़ाते हैं। यह भी सूचना है कि कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालन में भी हमारे सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की भी प्रत्यक्ष व परोक्ष भूमिका है। बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट एक्ट 2020 पहले से बना हुआ है, परंतु इस अधिनियम के तहत कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है विभाग जल्द ही इसको लेकर एक नियमावली बनाएगा। इसके अंतर्गत कोचिंग संस्थानों को दंडित करने और उनका निबंधन रद्द करने को जिलाधिकारी अधिकृत किए जाएंगे।