समीक्षा बैठक में नीतीश कुमार ताकते रह गए राह, नहीं आए तेज प्रताप; खाली रह गई मंत्री जी की कुर्सी
सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की बैठक बुलाई। मीटिंग में विभाग के मंत्री तेज प्रताप ही गायब थे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के बगल में लगी तेज प्रताप की कुर्सी खाली ही रह गई। विभाग के मंत्री के बगैर ही नीतीश कुमार को मीटिंग करनी पड़ी। तेज प्रताप मीटिंग में क्यों नहीं शामिल हुए? इसको लेकर उनकी ओर से कोई बयान नहीं आया है।
दरअसल, एक अणे मार्ग के संकल्प में बैठक बुलाई गई थी। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को भी शामिल होना था। मीटिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीच की कुर्सी पर बैठे रहें। उनके ठीक बगल की एक कुर्सी तेज प्रताप के लिए थी, लेकिन वे खाली रह गई। इसमें पौधरोपण अभियान की तैयारियों की जानकारी ली गई।
अलग बात यह है कि उनके एक तरफ संसदीय और वित्त मंत्री विजय चौधरी बैठे दिखे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी सहित कई अफसर नजर आए।
सीएम ने अफसरों को दिया निर्देश
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की बड़ी भूमिका है। विभाग, नीतियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करें।
लक्ष्य के अनुरूप और तेजी से पौधरोपण कराएं। पौधरोपण के लिए जो प्लानिंग की गई है। उसको ठीक ढंग से करवाया जाए। पहाड़ी क्षेत्र के निचले भागों में भी पौधरोपण कराएं। साथ ही जो पौधे पहले से लगाए गए हैं उनके सर्वाइवल के लिए सभी जरूरी उपाय करें।
बिहार में सिर्फ 9 फीसदी जंगल
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य में जंगल का क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था। साल 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई। 24 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाए गए। बड़ी संख्या में पौधरोपण किए जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत तक पहुंच गया। यह 17 प्रतिशत तक हो जाए इसके लिए तेजी से पौधरोपण कराना जरूरी है।
क्या है लक्ष्य
बैठक में अफसरों ने ‘वृक्षारोपण अभियान 2023-24’ को लेकर प्लान दिया। वर्ष 2023-24 के लिए 433.93 लाख पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21, वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 के तहत किए गए पौधरोपण की जानकारी विभागीय अधिकारी को दी गई।