Anand Mohan की रिहाई पर जी कृष्णैया की पत्नी-बेटी बोलीं-बहुत दुख हुआ, नीतीश सरकार ने गलत मिसाल की कायम
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बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह रिहा हो गए। उनकी रिहाई के फैसले को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। अब, दिवंगत आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने बाहुबली नेता को रिहा करने के फैसले को अनुचित बताया है। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि उन्हें रिहा करना गलत फैसला है। जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेगी। सीएम नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
Hyderabad | Public will protest against the release of Anand Mohan, demanding to send him back to jail. Releasing him is a wrong decision. CM should not encourage these types of things. If he (Anand Mohan) will contest elections in the future the public should boycott him. I… pic.twitter.com/NPEBQkFSca
— ANI (@ANI) April 27, 2023
उमा देवी ने आगे कहा कि कि अगर आनंद मोहन भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की अपील की।
जी कृष्णैया की बेटी बोली-हम इस फैसले के खिलाफ करेंगे अपील
इसके साथ ही, जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने नीतीश कुमार से अनुरोध किया कि इस फैसले पर वे दोबारा विचार करें। इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है। ये अनुचित है। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
भीड़ ने पीट-पीटकर कर दी थी जी कृष्णैया की हत्या
जी कृष्णैया का परिवार बाहुबली नेता के रिहाई का शुरू से विरोध कर रहा है। बता दें कि जी. कृष्णैया 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। वे तेलगांना के रहने वाले साफ-सुथरे छवि के अधिकारी थे। 5 दिसंबर 1994 को उग्र भीड़ ने जी कृष्णैया की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
बताया जाता है कि आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी के छोटन शुक्ला की हत्या हो गई थी। हत्यारे पुलिस की वर्दी में आए थे। उनकी हत्या से जनता में आक्रोश था। छोटन शुक्ला के समर्थक जुलूस निकालकर शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे, तभी वहां से गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की गाड़ी गुजरी।
कृष्णैया हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे, तभी भीड़ ने उन्हें गाड़ी से खींच लिया और बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में 2007 में पटना जिला अदालत ने छह नेताओं को दोषी ठहराया। इनमें आनंद मोहन सिंह और उनकी पत्नी लवली आनंद (दोनों पूर्व सांसद), विजय कुमार शुक्ला (विधायक), अखलाक अहमद और अरुण कुमार (दोनों पूर्व विधायक), हरेंद्र कुमार (वरिष्ठ जदयू नेता) और एसएस ठाकुर शामिल थे।
नीतीश सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया। बाहुबली नेता अपने बेटे की सगाई पर पैरोल पर बाहर थे, तब उनकी रिहाई का फैसला आया। उनके साथ 26 अन्य कैदियों को रिहा किया जा रहा है। वहीं, नीतीश सरकार के इस फैसले का कांग्रेस और भाजपा विरोध कर रही है।