कर्ज में डूबे स्कूल संचालक ने ही अपहरण के 90 मिनट बाद कर दी थी छात्र की हत्या, पेट्रोल छिड़क शव को जलाया
पटना के बिहटा से टीचर राजकिशोर के अगवा बेटे तुषार राज (12) की अपहरण के डेढ़ घंटे बाद ही गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। फिर चाकू से मारा गया। आखिर में पहचान छिपाने के लिए शव को पेट्रोल डालकर जला दिया गया था। फिर 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी।
16 मार्च को तुषार का अपहरण कर अपहरणकर्ता ने कई बार उसके ही फोन से वॉट्सऐप पर वॉयस मैसेज भेजकर फिरौती मांगी। फिरौती नहीं देने पर हत्या की धमकी देता रहा। चौंकाने वाली बात यह है कि फिरौती के लिए तुषार का अपहरण करने वाला और फिर उसे मौत के घाट उतारने वाला कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि एक टीचर है। जिसका नाम मुकेश कुमार है। बिहटा के ही किशुनपुर गांव का रहने वाला है। कन्हौली में इसने विवेकानंद मेमोरियल स्कूल और प्रियांश एजुकेशन प्वाइंट कोचिंग इंस्टीट्यूट खोल रखा था।
जली हुई लाश शनिवार को बिहटा में ही ESIC हॉस्पिटल के पीछे मिली थी। तभी से इलाके में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। मगर, पटना पुलिस उस वक्त किसी नतीजे पर नहीं पहुंची थी। जब रविवार को फुलवारी शरीफ स्थित एम्स में लाश का पोस्टमार्टम हुआ, तब स्पष्ट हो गया कि वो तुषार राज की ही लाश है। इस बात की पुष्टि खुद पटना के SSP राजीव मिश्रा ने की है।
गला दबाने के बाद चाकू से मारा
SSP के अनुसार तुषार और उसकी दो बहनें मुकेश के स्कूल में पढ़ाई कर चुके हैं। इस कारण तुषार के परिवार से वाकिफ था। तुषार के पिता के पास प्रॉपर्टी है। रुपया मांगने पर मिल जाएगा, यह बात उसे पता थी। इसी वजह से 16 मार्च की शाम 6:30 बजे के करीब मुकेश ने तुषार के नंबर पर व्हाट्सएप कॉल किया। उसे मिलने के लिए बुलाया। फिर अपने साथ ESIC हॉस्पिटल की तरफ लेकर गया। भरोसे की वजह से मासूम बच्चा चला भी गया था।
करीब 1 घंटे से ज्यादा देर तक अपने साथ घुमाने के बाद टीचर ने हॉस्पिटल के पीछे सुनसान इलाके में सबसे पहले बच्चे का गला दबाया। वो मर चुका था। फिर भी कन्फर्म करने के लिए चाकू से वार किया। उसके पेट में चाकू घोंपा। फिर पहचान छिपाने के लिए पेट्रोल डालकर उसकी लाश को जला दिया।
यही नहीं, पहले कुछ देर के लिए मौके से गायब हो गया। फिर दोबारा गया। इसके बाद तीसरी बार भी वहां गया। पूरी तरह से लाश के जलने के बाद ये बिहटा से भाग कर पटना आ गया। वेस्ट बोरिंग कैनाल रोड के एक लॉज में रह रहा था। वहीं से पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया है। इसके पास से तुषार का मोबाइल भी बरामद किया गया है।
16 मार्च की रात 8:30 बजे जलाया शव
जब जली हुई लाश पुलिस के हाथ लगी थी। चब आसपास में लगे CCTV कैमरे के फुटेज को खंगाला गया। जिसमें कई जगहों पर लगे CCTV कैमरे में मुकेश की संदिग्ध गतिविधि दिखी। इसके बाद इसकी पहचान की गई। फिर एक फुटेज में लाश को जलाने के भी सबूत मिले। इसके अनुसार 16 मार्च की रात 8:30 बजे के करीब लाश को जलाया गया था। इसके बाद ही पुलिस ने मुकेश को खोजना शुरू किया। पता चला कि वो अपने घर पर भी पिछले 5 दिनों से नहीं गया है। तब जांच आगे बढ़ी तो बात सामने आई कि उसने अपना नया ठिकाना बना रखा था।
कर्ज चुकाने के लिए दिखा अपहरण का रास्ता
मुकेश ने अपने शिक्षण संस्थान को खोलने के लिए काफी रुपए इन्वेस्ट किए थे। मगर, कोरोना के बाद से स्थिति खराब हो गई। जिससे वो कर्ज में डूब गया। करीब 40 लाख रुपए का कर्ज इसके ऊपर था। लोग अपने रुपए इससे वापस मांग रहे थे। इसी वजह से मुकेश ने तुषार को अपना टारगेट बनाया था।
पूछताछ में बताया कि पिछले कई दिनों से वो तुषार के अपहरण की साजिश अकेले ही रच रहा था। उसे पता था कि मांगने पर रुपए मिल जाएंगे। लेकिन, इसने पहले से यह भी तय कर रखा था कि पहचान छिपाने के लिए उसकी हत्या कर देनी है। इसलिए चाकू और बोतल में पेट्रोल का इंतजाम इसने पहले से ही कर रखा था।
वॉयस चेंजर ऐप का इस्तेमाल कर मांगी थी फिरौती
तुषार की हत्या के बाद उसके ही मोबाइल से आरोपी ने वॉयस चेंजर ऐप का इस्तेमाल कर परिवार से 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। बाद में 30 लाख रुपए की मांग पर आ गया था। SSP ने बताया कि इस मामले में तुषार के बिसरा को प्रिजर्व कराया गया है। DNA भी रखने को कहा गया है। ताकि, साइंटिफिक जांच करने में आगे मदद मिल सके। जब यह मामला सामने आया था तो बिहटा के साथ ही आसपास के कई थानों की पुलिस को मिलाकर अलग-अलग टीम बनाई गई थी।