ललन सिंह का BJP से सवाल, राहुल गांधी का बोलना पिछड़ों का अपमान, तो नीतीश के DNA पर PM की टिप्पणी का मतलब क्या?
मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। इसको लेकर विपक्ष की सभी पार्टियां भाजपा के खिलाफ एकजुट हो गई है और इस फैसले का विरोध कर रही है। इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने भाषण का वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल खड़ा किया।
ललन सिंह ने भाजपा नेताओं से सवाल किया अगर मोदी के खिलाफ बोलना पिछड़े वर्ग का अपमान है तो फिर नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल करना क्या पिछड़े वर्ग का अपमान नहीं है। ललन सिंह ने कहा कि भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेता सब मक्खन का कनस्तर लगा कर बोल रहे हैं कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना पिछड़े वर्ग का अपमान हैं। मुझे तो हंसी भी आती है। हम उन्हें 25 जुलाई 2015 की याद दिलाना चाहते हैं, जब प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल खड़ा किया था। भाजपा के नेता जवाब दें कि नीतीश कुमार जी किस वर्ग से आते हैं।
मोदी उपनाम पर टिप्पणी को BJP ने अपमान बताया
बता दें कि राहुल गांधी की टिप्पणी ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे होता है’ के खिलाफ गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुदकमा दायर किया था। सूरत की एक अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। इसके 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई। भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले मोदी समाज का अपमान बताया।
पिछड़ी समाज से आते हैं नीतीश कुमार
वहीं, अब जदयू ने जाति की राजनीति को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और नीतीश कुमार के डीएनए पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर तंज कसा। मालूम हो कि नीतीश कुमार कुर्मी जाति से संबंध रखते हैं, जो पिछड़े वर्ग में आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के डीएनए में गड़बड़ी को लेकर साल 2015 में उस समय भाषण दिया था, जब 2014 के आम चुनाव से पहले जदयू और भाजपा की 15 साल पुरानी दोस्ती में दरार आ गई थी और नीतीश कुमार ने राजद से हाथ मिला लिया था।