111 साल का हुआ बिहार, जानें कब से क्यों मनाया जाता है बिहार दिवस, क्या है राज्य का इतिहास
बिहार राज्य की स्थापना को 111 साल हो गए हैं। बुधवार 22 मार्च को राज्य का स्थापना दिवस है। बिहार दिवस समारोह का आयोजन धूमधाम से तीन दिनों तक पूरे प्रदेश में चलेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा कई प्रतियोगिताएं होंगी। लोग बिहारी व्यंजनों का आनंद लेंगे। स्कूली बच्चे पूरे प्रदेश में पर्यटन स्थलों और म्यूजियम की सैर करेंगे। जिलों में हेरिटेज वॉक करेंगे। सूबे के 75 हजार सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में प्रभात फेरी निकाली जाएगी। यही नहीं, विदेशों में भी बिहार दिवस की धूम रहेगी। अमेरिका, जापान और जर्मनी में बड़े कार्यक्रम होंगे।
बता दें कि भारत के बहुत ही महत्वपूर्ण राज्यों में बिहार भी एक है। वहीं देश और दुनियां हर जगह बिहारियों ने अपने राज्य के नाम का डंका बजाया हुआ है। ऐसे तो बिहार का गठन 22 मार्च 1912 को हुआ था, लेकिन 22 मार्च को बिहार दिवस (Bihar Diwas 2023) का मनाने का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2010 से बड़े पैमाने पर हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाना शुरू किया।
पटना के गांधी मैदान में बिहार दिवस पर भव्य आयोजन होने जा रहे हैं। मुख्य मंच पर प्रख्यात गायक जावेद अली, मैथिली ठाकुर, इंडियन आसियान बैंड, दीपाली सहाय, ऐश्वर्य निगम एवं सलमान अली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी। इसके अलावा गजल गायक तलत अजीज, नियाजी बद्रर्स की कव्वाली, कुमुद दीवान व नलिनी जोशी का शास्त्रीय संगीत, लोक गायिका डॉ. रंजना झा, नीतु कुमारी नूतन, अचला कुमारी, चंदन तिवारी के लोकगीत भी होंगे।
इसके अलावा विभिन्न जिला मुख्यालयों में भी अलग-अलग विभागों के स्टॉल, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं व्यंजन मेला का आयोजन किया जा रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा फेसबुक, यू-टयूब एवं ट्विटर पर सभी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण, बेलट्रॉन द्वारा किया जाएगा।