तेजस्वी ने कर दिया साफ़ बिहार ने नहीं होगा कैबिनेट का विस्तार, बोले.. CM नीतीश ने भी कर लिया तय
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बिहार में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के द्वारा कैबिनेट विस्तार की मांग की जा रही थी। इतना ही नहीं कांग्रेस के तरफ से यह दावा भी किया जा रहा था खरमास के बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट का विस्तार करेंगे। इस बीच अब इस पुरे मामले को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बड़ा एलान कर दिया है। उन्होंने यह साफ़ कर दिया है कि, कैबिनेट का विस्तार को लेकर क्या निर्णय लिया गया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, कांग्रेस के मांगों को लेकर अभी कोई भी विचार नहीं किया गया है। फिलहाल कोई भी कैबिनेट का विस्तार नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि, मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिकार इस बात की चर्चा कहां से निकल कर सामने आई है। यह यह साफ़ कर देता हूं कि, अभी इसको लेकर गठबंधन के अंदर कोई भी बात नहीं हुई है।
मालूम हो कि, जबसे बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कमान अखिलेश प्रसाद सिंह ने संभाला है तबसे वो नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की लगातार डिमांड कर रहे हैं। प्रदेश की कमान संभालन के बाद अपनी पहली प्रेस कॉफ्रेंस में ही उन्होंने यह मांग उठा दी थी।अखिलेश प्रसाद ने कहा कि विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या के आधार पर कैबिनेट में कांग्रेस के चार मंत्री पद मिलने चाहिए। इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार से मैंने बात की है और उन्होंने आश्वासन भी दिया है।
वहीं, सीएम ने भी यह साफ़ कर दिया था कि, मंत्रिमंडल विस्तार जो होगा वो राजद कोटा के दो मंत्री जो हटे थे उन्हें भरा जाएगा। साथ ही कांग्रेस को भी जगह दी जाएगी। लेकिन इसे मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कहा जा सकता है, यानी नीतीश कुमार ने साफ-साफ इशारा किया है कि बिहार में मंत्रिमण्डल का विस्तार तो होगा लेकिन जो राजद कोटे की सीट खाली थी उसे और कांग्रेस को एक जगह और मिल सकती है।
आपको बताते चलें कि, अगस्त 2022 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब आरजेडी कोटे से तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया। विधायकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए उसके सर्वाधिक 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, बाद में सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार को विवादों के बाद कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। इसके अलावा नीतीश की पार्टी जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से 1 और एक निर्दलीय विधायक मंत्री बने। वाम दलों ने सरकार को बाहर से सपोर्ट दे रखा है।