मैट्रिक परीक्षा: फर्जी बताकर मजिस्ट्रेट ने छात्र को शौचालय में किया बंद, 6 घंटे बाद निकाला; छूट गया पेपर

बिहार के अरवल में मैट्रिक परीक्षा के दौरान एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा के दौरान छात्र पर मजिस्ट्रेट को शक होने के बाद उसे शौचालय में बंद कर दिया. छात्र को करीब 6 घंटे तक शौचालय में बंद रखा गया. मामला जिले के करपी प्रखंड के इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय करपी परीक्षा केंद्र का है. यहां एक छात्र को पहले पहले फर्जी छात्र बताकर उसे परीक्षा देने से रोका गया इसके बाद उसे शौचालय में 6 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान छात्र मजिस्ट्रेट को अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाता रहा लेकिन मजिस्ट्रेट ने उसकी एक न सुनी और शाम 7 बजे तक शौचालय में ही बंद रखा.

इघर परीक्षा सामाप्त होने के बाद परिजन उसे ढूंढने लगे तब किसी तरह छात्र शौचालय से बाहर निकला तो उसने सारी बात अपने परिजनों को बताई.

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छात्र का नाम नीतीश कुमार

दरअसल अरवल बालिका उच्च विद्यालय में छात्र को स्कॉलर बताकर उसे परीक्षा हॉल से बाहर निकाला और शौचालय में बंद कर दिया. छात्र मजिस्ट्रेट से यह कहता रहा है कि वह फर्जी नहीं सही विद्यार्थी है. इसके बाद भी लेकिन उसे परीक्षा हॉल से बाहर कर दिया गया और फिर शौचालय में बंद कर दिया गया. छात्र की पहचान तेलपा का रहने वाला नीतीश कुमार के रूप में हुई है.छात्र ने परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे तक परीक्षा दिया था. अब परीक्षा देने से मना करने के बाद उसका पूरा साल खराब हो सकता है.

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छात्र के परिजन नाराज

इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद छात्र के परिजन नाराज हो गए और मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज कराने थाने पहुंचे. लेकिन पुलिस ने पहले डीएम से मिलने की बात कहकर मामला दर्ज नहीं किया. इसके बाद छात्र अपने परिजन के साथ डीएम से मिलने समाहरणालय पहुंचे.यहां डीएम से भी उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. जिसके बाद परिजनों ने स्थापना शाखा में आवेदन दिया है. छात्रों के साथ घटी घटना के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह किसी छात्र को शौचालय में बंधक बनाए, मजिस्ट्रेट के इस कृत्य के बाद छात्र का एक साल खराब हो सकता है.

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