थाने से चोरी हुई स्प्रिट बनी मौत की वजह? छपरा जहरीली शराब मामले में नया मोड़
बिहार के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। पटना से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इन सब के बीच छपरा में शराबकांड को लेकर नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि थाने से चोरी हुई स्प्रिट से शराब बनाई गई थी। उसी का सेवन करने से लोगों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने दावा किया है कि जहरीली शराब से अब तक 100 लोगों की मौत हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सारा काम पुलिस की मिलीभगत से हुआ है।
इधर, थाने से स्प्रिट चोरी होने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। आबकारी विभाग के अधीक्षक रजनीश कुमार मामले की जांच करने पहुंचे। आबकारी अधीक्षक ने बताया कि सैंपल कलेक्ट किया गया है। सैंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच के बाद ही इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि इन स्प्रिट का प्रयोग शराब बनाने में किया गया था या नहीं।
आबकारी अधीक्षक ने बताया कि स्प्रिट 2014-15 से थाने में पड़ी है, जिसे अब तक डिस्पोज नहीं किया गया। रजनीश कुमार कुमार के अनुसार, इसे बहुत पहले ही डिस्पोज कर दिया जाना चाहिए था। आबकारी विभाग के अधीक्षक रजनीश कुमार के अनुसार, नियमों के अनुसार जब्त स्प्रिट 15 दिनों के अंदर खत्म कर दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि थाने में अब भी हजारों लीटर स्प्रिट है। स्प्रिट के खाली डिब्बे भी मौजूद हैं। विभाग की ओर से जांच की जा रही है। जांच के बाद रिपोर्ट किया जाएगा।
कार्रवाई जारी है, अब तक 126 गिरफ्तार
इधर, सारण डीएम राजेश मीणा ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले 48 घंटे में जिले भर में सघन छापेमारी की है और 126 लोगों को पकड़ा है। चार हजार लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त भी की गई है।
हालांकि सारण एसपी संतोष कुमार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में क्या वे लोग शामिल हैं जो जहरीली शराब के मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अभी भी चल रही है और इस स्तर पर ज्यादा खुलासा करने से मामले की जांच में बाधा आ सकती है। सारण डीएम ने बताया कि जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। बहुत जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।






