सदर अस्पताल के बेड पर कराहती रही जली महिला, परिजनों का आरोप- 200 रुपए की खातिर स्वास्थ्यकर्मियों ने तड़पता छोड़ा
गोपालगंज सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. स्वास्थ्यकर्मी ने इमरजेंसी वार्ड में आग से झुलसी महिला की दो घण्टे तक ड्रेसिंग नहीं की. क्योंकि महिला के परिजनों के पास स्वास्थ्यकर्मियों को देने के लिए पैसे नहीं थे. पिता ने हाथ जोड़े गिड़गिड़ाया लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्ययकर्मियों को दया नहीं आयी. हालांकि बाद में अस्पताल के अधिकारियों से शिकायत करने के बात कहने पर महिला का इलाज शुरू किया गया.
पिता के पास पैसे नहीं थे :
थावे थाना क्षेत्र के कविलाशपुर गांव निवासी राम सुंदर राम की बेटी पिछले कुछ दिन पहले खाना बनाने के दौरान आग से झुलस गई थी. आग से झुलसी बेटी इलाज सदर अस्पताल में कराया. ड्रेसिंग के लिए बेटी को सदर अस्पताल बेटी को लेकर पहुंची. जब भी ड्रेसिंग के लिए बेटी को सदर अस्पताल लाता तब भी बिना पैसे का इलाज नहीं किया जाता था. गुरुवार को पिता के पास पैसे नहीं थे और स्वास्थ्यय कर्मी बिना पैसे लिए ड्रेसिंग करने से साफ इंकार कर दिया.
स्वास्थ्यकर्मी मांगते हैं नजराना :
आग से झुलसी महिला के पिता राम सुंदर राम ने बताया कि हमेशा एक सौ, दो सौ रुपए की मांग की जाती है, लेकिन सौ-पचास दिया जाता है. आज मेरे पास एक भी पैसा नहीं था. बावजूद दो घंटे से इलाज नहीं किया गया. स्वास्थ्य कर्मियों कहते हैं कि बिना चढ़ावे के इस अस्पताल में इलाज नहीं होता है. पिता ने बताया कि पैसे की मांग की जाती है. दवा देने से मना करते है कहते है कि बाहर से खरीद कर लाओ.
मायका में ही रह रही है महिला :
परिजनों ने बताया कि आग से झुलसी महिला की शादी मांझा प्रखण्ड के सोनवर्षा गांव में हुई थी. इस बीच एक बच्ची है. लेकिन शादी के कुछ वर्ष बाद पति की मौत हो गई. ससुराल वालों ने उसे अपने साथ रखने से मना कर दिया. तब से वह अपने मायका में ही रहकर जीवन गुजर कर रही है.






