ऑटोमेटिक सिस्टम से चलेंगी ट्रेनें, उत्तर बिहार से हावड़ा व दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों की बढ़ सकेगी रफ्तार
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ट्रेनों के परिचालन को अधिक सुरक्षित करने की दिशा में पूर्व मध्य रेल के आधा दर्जन रेलखंड को ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम से लैस किया जाएगा। यह ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने के साथ सुरक्षित सफर की दिशा में अहम कड़ी मानी जा रही है। इस सिस्टम से वर्तमान आधारभूत संरचना के साथ रेलवे लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी और ज्यादा ट्रेनें चल सकेंगी।
पूर्व मध्य रेल के कुल 494 स्टेशनों में से अब तक 162 स्टेशनों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से लैस किया जा चुका है। इस सिस्टम को मिशन रफ्तार का प्रारंभिक चरण माना जा रहा है। उत्तर बिहार से हावड़ा व दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ सकेगी। फिलहाल एब्सल्यूट ब्लॉक सिस्टम (परंपरागत) से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।
इससे एक ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे वाली ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है, जिससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। छपरा-हाजीपुर- बछवारा-बरौनी-कटिहार (316 किमी) रेलखंड, बरौनी- दिनकर ग्राम सिमरिया (06 किमी), समस्तीपुर- बेगूसराय (68 किमी), पंडित दीनदयाल उपाध्याय जं.-मानपुर (214 किमी), मानपुर-प्रधानखंटा (203 किमी) रेलखंडों पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली लगाने की योजना है।
इन रेलखंडों में से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जं.-मानपुर (214 किमी) तथा मानपुर-प्रधानखंटा (203 किमी) रेलखंड को स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ-साथ कवच प्रणाली से भी युक्त किया जाएगा। कवच प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन एवं लोको पायलट को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करने, साइड-टक्कर, आमाने-सामाने की टक्कर एवं पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में पूर्णतः सक्षम है।