बिहार: जहर खाने वाले परिवार के ‘6ठे सदस्य’ 15 साल की बेटी की भी मौत, डायरी में लिखा-ऋण देने वाले समाज के कीड़े
बिहार के नवादा में बुधवार को एक ही परिवार के छह लोगों ने खुदकुशी की. पांच की पहले ही मौत हो चुकी थी. वहीं एक ने कुछ देर पहले गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मौत की जानकारी मिलते ही पूरे नवादा वासियों में शोक की लहर दौड़ गई है. जहर खाने से परिवार के छठे सदस्य की भी मौत हो गई. वहीं सुसाइड से पहले पिता ने एक नोट लिखा है जिसमें उन्होंने कर्ज देने वालों को समाज का कीड़ा बताया है. जहां परिवार के पांच लोगों का अंतिम संस्कार किया ही जा रहा था कि बेटी की भी मौत की खबर आ गई. घटना बेहद मार्मिक और दिल दहलाने वाली है.
अंत में 15 साल की बेटी की भी मौत
मृतक केदारलाल की 15 साल की बेटी साक्षी ने भी पावापुरी विम्स में दम तोड़ दिया. 14 घंटे तक वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती रही. आखिरकार वह भी जंग हार गई. परिवार के छठे सदस्य की मौत की खबर आते ही शोक की लहर दौड़ गई. सुसाइड नोट पर भी पुलिस जांच कर रही है. अब तक पुलिस के द्वारा दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही. मौत से पहले परिवार के लोगों ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है. नवादा के मुक्तिधाम में परिवार के पांच मृतकों की चिता में आग लगते ही बिटिया साक्षी की मौत की खबर आ गई.
शवों को कंधा देने वाला भी अपना नहीं बचा
सामूहिक आत्महत्या के बाद मृतकों के शवों को कंधा भी नसीब नहीं हो सका. एक साथ परिवार के पांच सदस्यों को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा. मृतक केदार का एकमात्र जीवित बड़ा बेटा अमित भी दिल्ली से वापस नवादा नहीं आ सका है. लिहाजा शवों को एक वैन से मुक्तिधाम ले जाया गया. परिवार के अन्य सदस्यों, समाजसेवियों की मदद से पुलिस शवों को श्मशान घाट तक ले गई जहां एक साथ पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया. पांचों की चिता एक साथ सजाई गई. यह दृश्य काफी दिल दहलाने वाली थी. लोग इसे देख भावुक हो जा रहे थे. मृतक केदार के छोटे भाई राजकुमार लाल ने पांचों शवों को मुखाग्नि दी.
घटना के एक दिन पहले लिखा सुसाइड नोट
परिवार के मुखिया केदार ने आठ नवंबर को सुसाइड नोट लिखा है. नोट घटना के एक दिन पहले की है. नोट में केदार ने लिखा है कि उन्होंने कुछ लोगों से कर्ज लिया था जिसमें छह महाजन लगातार परेशान कर रहे हैं. शहर के न्यू एरिया मोहल्ले के मनीष सिंह, विकास सिंह, विजय सिंह, टुनटुन सिंह खटाल, डॉ. पंकज सिन्हा और गढ़ पर मोहल्ला के रणजीत सिंह से उन्होंने कर्ज लिया था.
कर्ज का दुगना-तिगुना ब्याज कर चुके थे जमा
सुसाइड नोट में लिखा है कि पांच-छह साल से महाजन कर्ज के लिए परेशान कर रहे थे. कर्ज का दुगना-तिगुना ब्याज जमा कर चुके थे. फिर भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था. सुसाइड नोट में जिक्र है कि केदारलाल कर्ज चुकता करने के लिए महाजनों से मोहलत मांग रहे थे. साल-छह महीने का वक्त मांग रहे थे, लेकिन कर्ज देने वाले कुछ भी सुनने समझने को तैयार नहीं थे.
कर्ज देने वाले समाज का कीड़ा
नोट में आगे लिखा है कि ब्याज नहीं देने की स्थिति में गाली गलौज किया जाता था. इससे विवश होकर यह गलत कदम उठाना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी लिखा कि कर्ज देने वाले समाज का कीड़ा हैं जो समाज को बर्बाद कर रहे हैं. कर्ज देने वाले छह लोगों ने कई लोगों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. ऐसे दीमकों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है.