बिहार में छठ पूजा सामग्री की ऑनलाइन बिक्री शुरू, डाक विभाग की पहल, फल से लेकर दउरा, मिट्टी चूल्हा सब मिलेगा
बिहार में लोक आस्था और पवित्रता का महापर्व छठ इस बार 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा. बिहार में चार दिवसीय छठ पर्व को तैयारी दशहरा के बाद से ही शुरू हो जाती है. छठ पूजा के लिए फल और सब्जियों से लेकर दउरा, मिट्टी चूल्हा और कई पूजन सामग्रियों की जरूरत होती है. जिसकी तैयारी में छठ व्रती काफी पहले से ही जुट जाते हैं. अब डाक विभाग ने भी इन सामग्रियों को ऑन लाइन लोगों के घरों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. लोक आस्था के महापर्व छठ के लिए पूजन सामग्रियों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की पहल की गई है. इसकी शुरूआत बुधवार को भारतीय नृत्य कला मंदिर में डाक विभाग के स्टार्टअप शिल्पकार, बुनकर, चित्रकार, कुम्हार और अन्य लोगों के साथ मिलकर की गई.
छठ पूजा की मिलेगी सभी सामग्रीः
डाक विभाग द्वारा शुरू किए गए इस ऑनलाइन शॉपिंग व्यवस्था में कुछ कच्चे चीजों को छोड़ कर पूजा में लगने वाली सभी सामग्रियां मिल जाएंगी. इसमें केराव, सूप, ठेकुआ सांचा, गोइठा, भागलपुरी साड़ी, पानपत्ता, कपूर, गमछा, गंगा जल, लाल कपड़ा, आलता, सिंदूर, पंचमेवा, हुमाद, गरी गोला, दीया, डिजाइनदार सूप सहित कई पूजन सामग्रियां शामिल हैं. ये चीजें पटना के सभी मुख्य व उप डाकघरों में उपलब्ध हैं. जहां जाकर इसकी खरीदारी की जा सकती है. राजधानी से बाहर रहने वाले लोग ऑनलाइन ऑडर कर मंगा सकते हैं.
ऑफलाइन भी खरीद सकेंगे सामग्रीः
पूर्वी प्रक्षेत्र के पीएमजी मनोज कुमार ने बताया कि बाहर के लोगों को पता नहीं होता है कि कौन चीजें कहां मिलती हैं. सभी सामग्रियां अलग-अलग जगहों पर मिलती हैं. इस पहल के शुरू होने से डाकघर में लोगों को एक जगह छठ पूजन सामग्रियां मिल जाएगी. अभी ये पटना के सभी मुख्य व उप डाकघरों में उपलब्ध हैं. लेकिन राजधानी से बाहर रहने वाले लोग ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. इसकी बुकिंग अभियारा डॉटकॉम पर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि छठ महापर्व पूरे दुनिया में फैला हुआ है. अमेरिका, फिजी, पीट्सबर्ग, गुआना व अन्य जगहों पर रहने वाले बिहारियों के पास बिहार की मिट्टी व सुगंध को डाकघर के माध्यम से पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
छठ पूजन सामग्रियां के सेट का दाम
सामग्री रुपये
अखरा सूप 360
अखरा सूप स्पेशल 440
डिजाइनर सूप 878
डिजाइनर सूप स्पेशल 1011
प्रीमियम डिजाइन सूप (बुनकर के द्वारा बनाया गया साड़ी शामिल) 3737