क्या तेजस्वी को बिहार सौंप केंद्र के सफर पर निकलेंगे सीएम नीतीश? जेडीयू व आरजेडी का क्या है रुख? …INSIDE STORY
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क्या बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में अब नई पीढ़ी को अवसर दिया जाएगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की तरफ इशारा करते हुए नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने का बयान देकर इसे लेकर अटकलों को बल दे दिया है। सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली की राजनीति का रुख कर बिहार की कमान तेजस्वी यादव को सौंप देंगे? इन अटकलों पर नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव के सत्ताधारी दलों क्रमश: जनता दल यूनाइटेड (JDU) व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
नीतीश की बात से मिला चर्चाओं को बल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहाल ही में राजस्व भूमि सुधार विभाग में नवनियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान बड़ी बात कह डाली। उत्तर प्रदेश के फूलपुर (Phulpur Lok Shabha Seat) से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम देते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। फिर, साथ में मौजूद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब इन्हें आगे बढ़ाना है। साथ ही विपक्ष को एकजुट (Opposition Unity) करने की बात कही। इसके बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या नीतीश कुमार तेजस्वी को सत्ता सौंप कर केंद्र की राजनीति में चले जाएंगे?
शिवानंद के बयान से खड़ा हुआ विवाद
इस चर्चा के साथ आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) के बयान से विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) में विवाद भी खड़ा होता दिखा। आरजेडी के राज्य परिषद की बैठक में शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार साल 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में जीत के बाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएं तथा खुद के लिए आश्रम खोल लें। वे आश्रम खोलकर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की बात पहले कहते रहे हैं, इसलिए उन्हें आश्रम खोलना चाहिए। शिवानंद ने नीतीश के साथ खुद भी आश्रम चलने की बात कही।
उपेन्द्र कुशवाहा ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मौजूदगी में दिए गए शिवानंद तिवारी के इस बयान पर जेडीयू की ओर से उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कहा कि नीतीश कुमार के साथ करोड़ों देशवासियों की दुआएं हैं, जो उन्हें सत्ता के ऊंचे से ऊंचे शिखर पर रहते हुए बिहार व देश की सेवा करते देखना चाहते हैं। उन्होंने शिवानंद तिवारी को नसीहत दी कि यदि उन्हें जरूरत है तो कोई और आश्रम तलाश कर लें।
तेजस्वी को अभी कोई जल्दबाजी नहीं
शिवानंद तिवारी व उपेंद्र कुशवाहा के उक्त बयानों के बीच आरजेडी व जेडीयू के अन्य बड़े नेताओं ने सधी प्रतिक्रियाएं दी हैं। आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि तेजस्वी यादव को अभी कोई कोई जल्दी नहीं हैं। क्या साल 2024 के लोकसभा चुनाव या 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय तेजस्वी यादव को कमान दी जाएगी, इस सवाल पर उन्होंने सधे लहजे में कहा कि पुल के पास आने पर उसे पार करने की सोचनी चाहिए। नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव किसी जल्दबाजी में नहीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के के साथ हमारा कुछ एजेंडा है, कुछ साझा प्रतिबद्धताएं हैं, पहले उन्हें पूरा करना है।
नीतीश काे 2025 तक सेवा का निर्देश
जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा युवाओं को आगे करने की बात कही है। इसी क्रम में उन्होंने तेजस्वी की ओर इशारा कर उन्हें आगे बढ़ाने की बात कही। सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जनता ने मुख्यमंत्री काे 2025 तक बिहार की सेवा करने का निर्देश दिया है।
फूलपुर से चुनाव लड़ने से किया इनकार
अब बात नीतीश कुमार के विपक्षी एकजुटता के अभियान व उनके फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की। खुद नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात से इनकार कर चुके हैं। वे स्पष्ट कर चुके हैं कि विपक्षी एकजुटता उनकी प्राथमिकता है। जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी कहा कि नीतीश कुमार न तो दूसरे राज्य में चुनाव लड़ने जा रहे हैं, न ही विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं।
पीएम चेहरा मानने वालों की कमी नहीं
बहरहाल, नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के दावेदार होने से इनकार के बीच उन्हें विपक्ष का प्रधानमंत्री चेहरा मानने वालों की कमी नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा सहित जेडीयू के कई नेता पहले कह चुके हैं कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण मौजूद हैं। ऐसे में बात आम सहमति पर टिक जाती है। माना जा रहा है कि अगर विपक्ष में आम सहमति बनी, तो ऐसा संभव है। हालांकि, फिलहाल इस बाबत कुछ भी निश्चित तौर पर कहना संभव नहीं है।