बिहार में नौकरी की बहार, अब राजस्व व भूमि सुधार विभाग में होगी 2745 पदों पर बहाली
बिहार में सभी भूमिहीनों का सर्वे तीन महीने में करवा लिया जायेगा। सभी जिलों को ऐसे लोगों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके बाद प्रत्येक भूमिहीन को जिला स्तर पर कैंप लगाकर पांच डिसमिल जमीन का पर्चा दिया जायेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने अपने विभाग का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास बासगीत पर्चा होने के बाद भी जमीन से बेदखल कर दिया गया है, उन्हें फिर से जमीन पर कब्जा दिलाया जायेगा। भूदान के जमीन की भी पहचान की जायेगी।
उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक सूबे में जमीन सर्वे का काम पूरा कर लिया जायेगा। इसके लिए 2745 राजस्व कर्मियों की जल्द ही बहाली की जायेगी। इसमें 103 पद सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 257 कानूनगो, 2018 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 145 लिपिक और 222 पद संविदा अमीन के हैं। कुछ दिनों पहले चार हजार 325 राजस्व कर्मियों की बहाली हो चुकी है। इससे जमीन सर्वे के काम में बेहद तेजी आयेगी। जमीनी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन होने से जमीन विवाद के मामलों में काफी कमी आयेगी। बिहार में जमीन से जुड़े सुधार बेहद जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने पर खासतौर से फोकस किया जा रहा है। रसीद कटाने जैसी कई गतिविधियां ऑनलाइन हो गयी हैं। परंतु अभी भी दाखिल-खारिज समेत अन्य कई कार्यों में शिकायतों को दूर करते हुए न्याय दिलाने पर जोर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जमीन का नक्शा ऑनलाइन और घर तक डाक से पहुंचाने की व्यवस्था में तेजी लायी जायेगी।
उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मियों के लैपटॉप या डेस्कटॉप देने पर भी विचार किया जा रहा है। मापी के कार्य को सभी सीओ को प्राथमिकता के आधार पर संपन्न कराने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही राज्य में ई-मापी की सुविधा शुरू होगी। इसमें रैयत को मापी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। अंचल कार्यालय जाकर आवेदन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।