बिहार में मदरसा व संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों का वेतन 15%बढ़ा, 1 अप्रैल 2021 से लागू
राज्य के मदरसों और संस्कृत स्कूलों में 15 फरवरी 2011 के बाद नियुक्त शिक्षकों का वेतन 15 प्रतिशत बढ़ गया है। पंचायती राज और नगर निकाय शिक्षकों के समान ही मदरसों और संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों के मूल वेतन में बढ़ोतरी हुई है।
1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से ही वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने आदेश जारी कर दिया। 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के बाद मौलवी और फोकानिया फोकानिया अस्तर के मदरसों के प्रधान मौलवी (फाजिल) का मूल वेतन 20560 रुपए से बढ़कर 23650 रुपए, फाजिल-आलिम (नवीन) सहायक शिक्षक का मूक वेतन 19540 रुपए से बढ़कर 22840 रुपए हो गए। प्रशिक्षित स्नातक सहायक शिक्षक का मूल वेतन 19540 से बढ़कर 22,840 रुपए हो गए।
मौलवी नवीन प्रशिक्षित इंटरमीडिएट सहायक शिक्षक का मूल वेतन 18510 से बढ़कर 21290 रुपए एवं हाफिज सहायक शिक्षक का मूल वेतन 19990 से बढ़कर 20690 रुपए हो गए। इसी प्रकार व वस्तानिया स्तर के मदरसों में प्रधान मौलवी (आलीम नवीन फाजिल) मूल वेतन 20540 से बढ़कर 22840 रुपए हो गए। मौलवी (नवीन) प्रशिक्षित का मूल वेतन 18510 से बढ़कर 21290 रुपए हो गए।
शास्त्री का वेतन बढ़कर अब 21290 हो गया
दूसरी ओर संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के अप्रशिक्षित स्नातक सहायक शिक्षक का मूल वेतन 13370 से बढ़कर 15380 रुपए, शास्त्री (द्विवर्षीय) प्रशिक्षित इंटरमीडिएट सहायक शिक्षक का मूल वेतन 18510 से बढ़कर 21290 रुपए एवं अप्रशिक्षित इंटरमीडिएट सहायक शिक्षक का मूल वेतन 13370 से बढ़कर 15380 हो गया। इसी प्रकार संस्कृत विद्यालयों के आचार्य शास्त्री (त्रिवर्षीय) प्रशिक्षित स्नातक सहायक शिक्षक का मूल वेतन 19540 से बढ़कर 22480 रुपए हो गए। अप्रशिक्षित स्नातक सहायक शिक्षक का मूल वेतन 13370 से बढ़कर 15380 रुपए, उपशास्त्री प्रशिक्षित इंटरमीडिएट सहायक शिक्षक का मूल वेतन 18510 रुपए से बढ़कर 21290 रुपए हो गए।