समस्तीपुर जिले में 223 एकड़ में बनेगा औद्योगिक पार्क, क्षेत्र में निवेश और रोजगार के मिलेंगे नए अवसर
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समस्तीपुर [अविनाश कुमार राय] :- बख्तियारपुर-ताजपुर मार्ग में मोरवा के हरपुर भिंडी गांव के पास इंडस्ट्रियल पार्क प्रस्तावित हैं। इनके लिए जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू हो गया है। बताया गया है कि हरपुर भिंडी गांव के पास 223 एकड़ भूमि चिन्हित किया गया है। औद्योगिक पार्क के लिए चिन्हित जमीन को देखने और उसकी उपयोगिता को परखने के लिये बियाडा के प्रबंध निदेशक कुंदन कुमार और उनके सहयोगी अफसर पिछले दिनों समस्तीपुर पहुंच इसका निरीक्षण कर चुके हैं।
इस दौरान डीएम रौशन कुशवाहा समेत जिले के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। औद्योगिक प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिलने के बाद क्षेत्र में निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकार के द्वारा कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में समस्तीपुर के लोगों को यह बड़ी खुशखबरी मिली है। इन औद्योगिक प्रोजेक्ट्स की मंजूरी मिलने से रोजगार के कई अवसर प्राप्त होंगे व स्थानीय व्यापार और छोटे कारोबारियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की कोशिश है कि इन परियोजनाओं के जरिए स्थानीय युवाओं को रोजगार, निवेशकों को अवसर, और प्रदेश को विकास की नई दिशा दी जाए।
रोजगार के मिलेंगे अवसर :
समस्तीपुर में औद्योगिक पार्क बनने के बाद क्षेत्र के विकास से कई लाभ होंगे। स्थानीय लोगों के लिये भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यहां बड़े पैमाने पर उद्योगों की स्थापना से निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे समस्तीपुर जिला ही नहीं, पूरे बिहार को फायदा है। स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन एक्सप्रेस वे से जुड़ने से लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्टेशन को लाभ होगा। राज्य का व्यापार और निर्यात मजबूत होगा, जिससे बिहार की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा :
डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि पिछले दिनों बियाडा के प्रबंध निदेशक कुंदन कुमार ने भी मोरवा पहुंच स्थल निरीक्षण किया था। ढाई सौ एकड़ के करीब जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। सरकार के द्वारा जमीन तय होने पर किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा। डीएम का कहना है कि यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इंडस्ट्रियल पार्क को लेकर समस्तीपुर समेत बिहार के औद्योगिक नक्शे में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। इन प्रयासों से राज्य में औद्योगिक निवेश, रोजगार सृजन, और ग्रामीण-शहरी संतुलन को नया बल मिलेगा।