मां ने कबूला गुनाह; दो बच्चों को एक-एककर कुएं में फेंकने के बाद तीसरा भागना चाहा तो उसे भी खदेड़कर फेंक दी, पिता ने सभी बच्चों को दी मुखाग्नि
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर जिले के चकमेहसी थाना क्षेत्र अंतर्गत मालीनगर ठहरा गांव में पति से विवाद के बाद सीमा देवी ने अपने ही तीन बच्चों की हत्या का गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस के अनुसार सीमा ने पूछताछ में बताया है कि विवाद के बाद आक्रोशित होकर वह तीनों बच्चों को लेकर कुएं पर लाई। वहां कुआं के चबूतरे पर पटककर बच्चों को अधमरा किया और फिर एक-एककर कुएं में फेंक दिया। सीमा की इस खौफनाक करतूत से गांव के लोगों के साथ पुलिस भी हैरान है। सबका कहना है कि क्या कोई मां ऐसा भी कर सकती है? पुलिस ने सीमा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
सबसे पहले पुत्री को फेंका व सबसे बाद में बड़े बेटे को:
पूछताछ के दौरान सीमा ने पहले पुलिस को बरगलाने का प्रयास किया लेकिन सख्ती से पेश आने पर उसने बच्चों की हत्या की बात स्वीकार कर ली। पुलिस को उसने बताया है कि रात में तीनों बच्चे पिता चंदन के साथ गहरी नींद में सोए थे। उसने सबसे पहले पुत्री को बिस्तर से उठाकर कुएं पर लाया। उसे पटक-पटककर अधमरा करने के बाद कुआं में फेंक दिया।
फिर छोटे बेटे को लाया और उसी तरह उसे भी अधमरा कर कुआं में फेंक दिया। सबसे अंत मे बड़े बेटे को मारने के लिए उठाया, लेकिन वह जग गया और मां व पापा-पापा की आवाज लगाने लगा। किसी तरह उसका मुंह दबाकर कुएं पर लाया और उसे भी पटककर अधमरा करने के बाद कुएं में फेंक दिया। महिला ने पुलिस को बताया कि बड़े बेटे को कुएं में फेंकते समय पति की नींद खुल गयी। तब उसने तीनों बच्चों के लापता होने की बात कही।
तीनों बच्चों का शव पोस्टमार्टम के बाद रविवार देर रात परिजनों को सौंप दिया गया। सोमवार को तीनों बच्चों का दाह संस्कार पिता चंदन कुमार ने किया। इस दौरान माहौल गमगीन था। सोमवार सुबह शव आने पर चकमेहसी थानाध्यक्ष संतोष कुमार यादव भी पहुंचे थे। बच्चों का शव आने पर घर पर रिश्तेदारों व लोगों की भीड़ लग गई। सभी के जुबान पर एक ही चर्चा थी कि आखिर ऐसा कौन सा विवाद हो गया कि मां ने ही अपने तीन बच्चों की हत्या कर दी। ग्रामीणों के अनुसार, सीमा बराबर घर में पति से कलह करती थी।
चकमेहसी से मालीनगर ठहरा गांव में शनिवार की देर रात तीन बच्चे के घर से लापता होने की सूचना पर चकमेहसी पुलिस थाना अध्यक्ष संतोष कुमार यादव के नेतृत्व में देर रात करीब 2 बजे से ही गहनता से छानबीन में जुटी रही। चकमेहसी पुलिस के साथ सदर-2 डीएसपी विजय महतो, इंस्पेक्टर नीरज तिवारी सहित अधिकारी मामले की गहनता से छानबीन की। वहीं शंका होने पर लापता तीनो बच्चे के मां को हिरासत में ले लिया।
गमगीन: चंदन ने एक-एक कर तीनों को दी मुखाग्नि
मालीनगर पंचायत के वार्ड 8 मालीनगर ठहरा गांव में दूसरे दिन भी पुलिस के साथ घटना की जानकारी के लिए लोगों का दिनभर आना जाना लगा रहा। इससे गांव में गहमागहमी बनी रही। तीनों बच्चे क्रमश 6 वर्षीय तरुण, 4.5 वर्षीय तान्या व 2.5 वर्ष का तनिष्क के शव का पुलिस ने पोस्टमार्टम करा परिजन को सौप दिया। जिसके बाद सोमवार को तीनों बच्चे का दाह संस्कार पिता चंदन कुमार ने किया। पिता ने अपने तीनों बच्चो को मुखाग्नि दी।
सोमवार सुबह शव आने पर चकमेहसी थाना अध्यक्ष संतोष कुमार यादव पुलिस बल सहित गांव में पहुंचे थे। इधर, मृत बच्चे के घर पर रिश्तेदारों सहित टोला मोहल्ला के लोगो की दिनभर भीड़ उमड़ी रही। सभी लोग पति से मनमुटाव को लेकर बच्चों की हत्या की घटना पर आश्चर्य जता रहे थे। ग्रामीणों में चर्चा के अनुसार, गिरफ्तार महिला बराबर पति से झगड़ा करती थी।
चंदन की बहन मालती देवी ने बताया कि उसका भाई ऑटो चलाने के साथ बच्चों की खूद देखभाल करता था। उसका भाई ही बच्चे का कपड़ा साफ सफाई आदि भी करता था। बगल के रामदेव ठाकुर ने कहा कि चंदन अक्सर उनके घर पर आकर बैठता था। बच्चे दादा जी-दादा जी कह कर बुलाते थे। लेकिन उसके घर में बराबर पत्नी से उसकी लड़ाई होती थी। वही सीता देवी ने बताया कि चंदन के दो बच्चे गांव के ही एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था। बच्चे काफी प्यारे थे। टोला के लोग को भी बच्चे की मौत होने से गमगीन है।
चंदन ने 65 हजार रुपये में बेचा था ऑटो
सीमा देवी के पति चंदन कुमार ने कहा की दो दिन पहले उसने 65 हजार में ई रिक्शा बेचा था। इसी बीच उसकी पत्नी उसके मां पिता को देने के लिए पैसे की मांग की थी, लेकिन चंदन ने देने से मना कर दिया और कहा की उसे ज्यादा पावर का ऑटो लेना है उसके लिए डाउनपेमेंट में भी करीब 10 हजार पैसे कम ही है।
सीमा के मां-पिता आए थे मालीनगर
चंदन का सास और ससुर कुछ दिनों पहले मालीनगर आए थे। इसी दौरान ऑटो बेचकर रखे गए पैसे उसके मां बाप को देने को लेकर चंदन पर पत्नी दबाव बनाया था। जिसको लेकर झगड़ा भी हुआ था। मां सीमा देवी के पिता प्रमोद दास और मां चंपा देवी घटना की जानकारी मिलने पर घर पहुंची थी। जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ किया था। प्रमोद दास भी वारिसनगर में घरेलू विवाद में भाभी के साथ अत्याचार मामले का वारंटी था। जिसे वारिसनगर पुलिस को सौप दिया।