नीति आयोग की रैंकिंग जारी, बिहार के जिलों का शानदार प्रदर्शन; शिक्षा में शेखपुरा अव्वल
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नीति आयोग की रैंकिंग में एक बार फिर बिहार के जिलों का प्रदर्शन शानदार रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में शेखपुरा को पहला स्थान मिला है। वहीं पूर्णिया को तीसरा स्थान मिला है। नीति आयोग ने देश के पिछड़े 112 आकांक्षी जिलों के लिए चैम्पियन ऑफ चैंज डेल्टा रैंकिंग जारी की है। ओवरऑल फरफार्मेंस वाले टॉप 5 जिले में गया को दूसरे मिला है। केंद्र सरकार इन पिछड़े जिलों को विकसित करने के लिए विशेष सहायता राशि देती है, ताकि पिछड़े श्रेणी के ये जिले देश और राज्य के दूसरे जिलों के साथ विकास के पैमाने पर साथ-साथ आगे बढ़ सकें।
नीति आयोग के वर्ष 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिले कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर,सीमामढ़ी और नवादा शामिल हैं। केंद्र की इस घोषणा से बिहार के इन 13 जिलों के प्रखंडों में विकास कार्यों के लिए विशेष सहायता राशि मिलती है।
इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जलसंधान, वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिए जाते हैं। शिक्षा क्षेत्र के लिए मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा, स्कूलों में आधारभूत संरचना, जिसमें टॉयलेट व पेयजल आदि मुख्य हैं।
पिछले दिनों भी बिहार का प्रदर्शन रहा शानदार:
पिछले दिनों की रैंकिंग में कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में बिहार के जिलों का प्रदर्शन अन्य राज्यों से बेहतर रहा है। यही नहीं सूबे के दो जिलों को देश में सर्वेोच्च स्थान मिला था। देश के टॉप पांच में बिहार के दो जिले बांका पहले स्थान और कटिहार दूसरे स्थान पर रहा था। इसके पहले नीति आयोग ने इन 112 आकांक्षी जिलों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा निकाला था। इनमें ओवरऑल बेगूसराय और पूर्णिया ने बेहतर रैंक प्राप्त किया। जबकि, जमुई ने स्वास्थ्य और पोषण में और गया जिला ने शिक्षा के क्षेत्र में देश के अन्य जिलों से बेहतर काम किया।