समस्तीपुर रेल मंडल के सीनियर डीओएम को CBI ने किया गिरफ्तार, रिश्वतखोरी के मामले में CBI की बड़ी कार्रवाई
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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हाजीपुर-मुख्यालय वाले पूर्व मध्य रेलवे (ECR) में माल ढुलाई रैक के तरजीही आवंटन में कथित रूप से शामिल एक रिश्वत रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के तीन अधिकारियों और दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी।
गिरफ्तार किए गए आईआरटीएस अधिकारियों में ईसीआर में मुख्य माल परिवहन प्रबंधक के पद पर तैनात संजय कुमार (1996 बैच), समस्तीपुर में तैनात रूपेश कुमार (2011 बैच) और सोनपुर में तैनात सचिन मिश्रा (2011 बैच) शामिल हैं।
जबकि घूस की रकम देने वाली कोलकाता की कंपनी आभा एग्रो एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नवल लोधा, मनोज लोधा व मनोज कुमार साह को भी गिरफ्तार किया गया है। इसमें सीएफटीएम के पास छह लाख की नगद राशि सीबीआई को मिलने की बात आ रही है। इसके अलावा अन्य जगहों पर छापेमारी में 46 लाख 50 हजार की राशि सीबीआई को मिली। वहीं एक एसयूवी को भी सीबीआई ने जप्त किया है इसमें 6 लोगों को घूस देने की लिफाफे में जानकारी भी मिली है। इसके अलावा उक्त कंपनी के मालिकों ने 23 लाख 50 हजार रुपए की राशि पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों को घूस के रूप में देने की बात कही है।
बता दें कि रविवार की देर शाम हाजीपुर मुख्यालय, समस्तीपुर रेल मंडल, सोनपुर रेल मंडल के साथ ही समस्तीपुर रेल मंडल में इन अधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसके अलावा पटना कोलकाता सहित 16 जगहों पर सीबीआई की रेड हुई थी।
मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों की मिलीभगत से आभा एग्रो प्राइवेट लिमिटेड को लोडिंग अनलोडिंग के समय अतिरिक्त समय मुहैया कराई जाती थी। इसके एवज में अधिकारी मोटी धनराशि वसूलते थे। यह खेल काफी दिनों से चला आ रहा था। हालांकि अभी तक यह नहीं साफ हो पाया है की सीनियर डीओएम रूपेश कुमार के यहां से सीबीआई को कितनी राशि मिली है। इधर समस्तीपुर मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल ने बताया कि आधिकारिक रूप से उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है।