समस्तीपुर से होकर गुजरने वाली गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी, खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर बह रही
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समस्तीपुर :- गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को दूसरे दिन भी जलवृद्धि जारी रहा। जलवृद्धि जारी रहने से तटबंध के इलाकों के निचले भूभागों में गंगा नदी का पानी फैलने लगा है। खेत खलिहानों में पानी प्रवेश कर गया है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में बाढ़ की आशंका प्रबल हो गई है। संभावित बाढ़ को देखते हुए लोग ऊंचे एवं सुरक्षित स्थलों की तलाश में जुट गये हैं। लोगों को माल मवेशी की चिंता सताने लगी है। लहलहाती फसल बर्बाद होने का भय सता रहा है। प्रभावित होने वाले पंचायतों में मोहिउद्दीननगर प्रखंड के रासपुर पतसिया पुरब,व पश्चिम, दुबहा, हरैल, बोचहा तथा महमद्दीपुर पंचायत शामिल हैं।
मोहनपुर प्रखंड के हरदासपुर, सरसावा, जहेगरा, नौवघरिया के निचले इलाकों में बाढ का पानी प्रवेश करने लगा है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दलसिंहसराय कैंप सरारी के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार की सुबह 6 बजे 46.40 मीटर था। खतरे का निशान 45.50 मीटर है। जलस्तर खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दलसिंहसराय कैंप सरारी के जेई के अनुसार जलस्तर स्थिर रहने की संभावना है। जेई की माने तो अभी किसी प्रकार की कोई खतरा नहीं है। हर खतरे से निपटने को लेकर विभाग 24 घंटे कार्य कर रही है। सरारी कैंप स्थल पर एच एफ एल (हाई फ्लड लेवल) 48.50 मीटर है। इस लेवल से गंगा नदी 2 मीटर 10 सेंटीमीटर अभी नीचे है।
विद्यापतिनगर की 4 पंचायताें में खतरा :
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बाढ़ आने की आशंका को लेकर अंचल प्रशासन अलर्ट हो गया है। प्रखंड के मऊ धनेशपुर दक्षिण, शेरपुर ढेपुरा, बालकृष्णपुर मड़वा व बाजिदपुर पंचायत के कुल 12 वार्ड बाढ़ से प्रभावित हो जाते है। इन पंचायतों का अधिकांशतः भूभाग रियासी वाले व खेती वाले क्षेत्र के जलप्लावित होने से लगभग दस हजार की आबादी को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बाढ़ की आशंका को लेकर अंचल प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों की सुविधा के लिए मुकम्मल व्यवस्था प्रारंभ कर दी है।