सुशांत सिंह राजपूत की बहन लड़ेंगी बिहार विधानसभा चुनाव, महागठबंधन से मिलेगा टिकट, जानिए किस सीट से होंगी उम्मीदवार

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। एनडीए में सीट शेयरिंग का ऐलान हो चुका है। बीजेपी -जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। लोजपा(रा) 29 सीटों पर तो वहीं हम और रालोमो 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फंसा पेंच अब तक बरकरार है। महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो आज शाम तक महागठबंधन भी सीट शेयरिंग का ऐलान कर सकता है। इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है।
सुशांत सिंह राजपूत की बहन लड़ेंगी चुनाव
सूत्रों की मानें तो बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। कथित तौर पर उन्हें भाकपा (माले) यानी CPIML की ओर से पटना जिले की दीघा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक, दिव्या गौतम 15 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगी। उनका चुनावी पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

2020 में शशि यादव को मिला था टिकट
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में दीघा सीट से बीजेपी के संजीव चौरसिया ने जीत हासिल की थी। उन्हें 97,044 वोट मिले थे, जबकि भाकपा (माले) की शशि यादव को 50,971 वोट मिले थे। इस बार भी पार्टी ने महिला उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए दिव्या गौतम को मैदान में उतारने का फैसला किया है।

कौन हैं दिव्या गौतम?
दिव्या गौतम पटना विश्वविद्यालय की छात्रा रही हैं। उन्होंने पटना कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की है। कॉलेज के दिनों से ही वे छात्र राजनीति में सक्रिय रही हैं। वर्ष 2012 में वे AISA की ओर से पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष पद की उम्मीदवार रही थीं और दूसरे स्थान पर रहीं। दिव्या ने पहले ही प्रयास में 64वीं बीपीएससी परीक्षा पास की थी और आपूर्ति निरीक्षक के पद पर चयनित हुई थीं, हालांकि उन्होंने वह नौकरी नहीं की। फिलहाल वे पीएचडी कर रही हैं और यूजीसी नेट क्वालिफाइड हैं।

महागठबंधन में अब भी सीट बंटवारे पर पेच
महागठबंधन (INDIA गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध अब भी जारी है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि, अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पार्टियों ने अपने संभावित उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है। 2020 के चुनाव की तरह इस बार भी हर दल उसी सीट पर दावा कर रहा है, जहां से उसने पिछली बार चुनाव लड़ा था।




