मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर बहुओं के ससुराल से लेकर मायके तक टेंशन, कैसे जुड़ेगा वोटर लिस्ट में नाम?
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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य तेज़ी से चल रहा है। इस प्रक्रिया में सबसे ज़्यादा परेशानी उन बहुओं को हो रही है जो ससुराल में अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना चाहती हैं। नियम के अनुसार, बहू का नाम ससुराल की मतदाता सूची में तभी जोड़ा जाएगा जब उसके माता-पिता के दस्तावेज उसके फॉर्म के साथ संलग्न किए जाएं।
बहुओं के मायके से दस्तावेज मंगवाने को लेकर भागदौड़ मची हुई है, खासकर वे महिलाएं जिनके मायके दूर हैं या जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं। ऐसी स्थिति में बीएलओ भी असमंजस में हैं कि किनका दस्तावेज फॉर्म के साथ संलग्न किया जाए। एक बीएलओ ने बताया कि उनके पास ऐसा मामला आया है लेकिन स्पष्ट निर्देश नहीं हैं कि इस स्थिति में क्या करना है। फिलहाल बहुओं के फॉर्म भर लिए गए हैं, और अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है। दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही दस्तावेज संलग्न करके फॉर्म को ऐप पर अपलोड किया जाएगा।
1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे मतदाता को उनके फॉर्म के साथ उन्हें स्वयं या माता-पिता में से किसी एक का दस्तावेज देना होगा। 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे मतदाताओं के फॉर्म के साथ स्वयं और माता-पिता दोनों के दस्तावेज जरूरी हैं। हालांकि, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उनके लिए स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं, जिससे वे परेशान हैं।