मानसून में भी नहीं होगी बालू की किल्लत, नीतीश सरकार ने कर दिया पूरा इंतजाम
राज्य सरकार ने मानसून के दौरान बालू की कमी से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं. 15 जून की रात 12 बजे से 15 अक्टूबर तक बालू खनन पर प्रतिबंध लागू रहेगा, क्योंकि इस दौरान नदियों में खनन कार्य पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेशानुसार रोक लगाई जाती है. इसका उद्देश्य जलीय जीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना है. हालांकि, आम लोगों और निर्माण कार्यों पर इसका असर न पड़े, इसके लिए सरकार ने पहले से ही सेकेंडरी लोडिंग स्थलों पर बालू भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की है.
सेकेंडरी लोडिंग स्थल होंगे समाधान का केंद्र
खान एवं भूतत्व विभाग ने मई से ही बालू का भंडारण शुरू कर दिया था, ताकि मानसून के चार महीनों में कोई संकट उत्पन्न न हो. राज्य के कुल 180 घाटों से बालू की आपूर्ति होती है, जिनमें से 18 घाट सफेद बालू के हैं. इन सभी से एकत्रित बालू को चिन्हित सेकेंडरी लोडिंग स्थलों पर स्टोर किया गया है. अब इन स्थलों पर भंडारित बालू का ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से सटीक मापन किया जाएगा, ताकि उपलब्धता की पूरी जानकारी रहे. इसके बाद उचित दर पर बालू की बिक्री शुरू की जाएगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी और सरकार को राजस्व प्राप्त होगा.
सख्त निगरानी और पारदर्शिता का इंतजाम
बालू की बिक्री और आवागमन को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने सेकेंडरी लोडिंग स्थलों पर कड़ी निगरानी की व्यवस्था की है. सभी स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनका फुटेज अधिकतम 30 दिन तक का बैकअप रखा जाएगा. साथ ही, स्थल को चारों तरफ से तारबंदी से घेरा जाएगा ताकि केवल एक ही मार्ग से वाहनों की आवाजाही हो और उनकी मॉनिटरिंग संभव हो सके. इससे अवैध खनन और बालू तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगेगा.
व्यवसायियों को भी मिली सख्त हिदायत
राज्य सरकार ने बालू के लाइसेंसधारी व्यवसायियों को भी पर्याप्त स्टॉक रखने का निर्देश दिया है. इससे मानसून के दौरान आपूर्ति बनी रहेगी और अवैध भंडारण व कालाबाजारी पर रोक लगेगी. सरकार के इस कदम से न सिर्फ निर्माण कार्यों को बल मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी तय दरों पर बालू उपलब्ध कराई जा सकेगी.